Mohit Sharma's Blog, page 8
April 20, 2020
आप दोनों मेरे!
दो साल पहले (19 April 2018) को जीवन में एक बदलाव आया कुछ आदतें बदली और कुछ आदतें बदलवाई थोड़ी बातें और ढेर सारी यादें बनाई एक रचनातमक वयकति की पराथमिकताएं अलग होती हैं...उसे दुनिया में रहना भी है और दुनियादारी में पड़ने से भी परहेज़ है ऐसे में डर होता है कि कया शादी के बाद भी यह सोच बनी रहेगी या नहीं? पहले मेघा और अब परभव ने मिलकर मुझे जीवन के कई पाठ पढ़ाए इनहोनें बताया कि पराथमिकताएं कोई बाइनरी कोड नहीं जिनहें या तो रखा जाए या छोड़ा जाए...इंसान नए नज़रिये और जीने के ढंग के साथ पराथमिकताओं में कुछ...
Published on April 20, 2020 10:14
April 2, 2020
Freelance Talents Chess Challenge #FTC2020 Project
Winner: Sanjay Singh (4-0)
First Runner-up: Akash Kumar (3-1)
Second Runner-up: Brijesh Verma (3-1)
Semi-Finalist: Himanshu Mishra (2-2)
5) Rahul Ranjan and Jayesh Kumar [Tie] (2.5-1.5)
7) Sushant Grover (2-2)
8) Ankur Singh (1-3)==========Other rankings based on Match Duration and Number of Moves in Round 1
9) Pranav Shashank (53)10) Adamya Amogh (41)11) Tanmay Sharma (32)12) Saurabh Pal (30)13) Karan Virk (26)14) Sandeep Kumar (22)15) -Akshit Gupta (21)16) Mandaar Gangele (6)=======
*Cash...
Published on April 02, 2020 01:56
February 6, 2020
एक आयोजन जिसने भारतीय कॉमिक्स को नई दिशा दी...
"Genereation Next Writers Workshop and Meet" इवेंट 25 जनवरी 2008 से 27 जनवरी 2008 को राज कॉमिकस ने बुराड़ी, दिलली में करवाया था। इसमें शामिल होने के लिए दिसंबर 2007 में एक परतियोगिता रखी गई थी। उस परतियोगिता के कुछ विजेता इस 3 दिन के आयोजन का हिससा नहीं बन पाए थे, इस वजह से इवेंट में ऑनलाइन कॉमिकस समुदाय में सकरीय कुछ परशंसकों को शामिल होने की छूट मिल गई थी। 19 साल की उमर में वहां जाना सपने जैसा था।
इन तीन दिनों के दौरान भारतीय कॉमिकस से जुड़े कई लेखक कलाकार वहां मौजूद रहे, जैसे - तरुण कुमार...
Published on February 06, 2020 07:13
February 5, 2020
तंज़ (सामाजिक कहानी) #ज़हन
घरेलू बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी के बिकरी विभाग में लगे नदीम का समय अकसर सफर में बीतता था। टरेन में समय काटने के लिए वह अकसर आस-पास यातरियों से बातों में मशगूल हो जाता। कभी उनकी सुनते और कभी अपनी कहते वक़त आसानी से कट जाता। एक दिन नीचे चादर बिछा कर बैठे मज़दूर से उसकी जनमपतरी मालूम करने के बाद नदीम ने अपना तीर छोड़ा।
"मौज तो तुम गरीब-लेबर कलास और अमीरों की है। देश का सारा टैकस तो मिडिल कलास को देना पड़ता है। एक को सबसिडी तो दूसरे को लूट माफ़ी।"
सहयातरियों से "कौनसा सटेशन आ गया?", "बिजनौर में...
Published on February 05, 2020 07:05
January 3, 2020
भूत बाधा हवन बनाम एक्सोरसिस्म (कहानी)
पुणे से कुछ दूर एक वीरान सी बसती में लगभग आधा दरजन परिवार रहते थे वहां दो पड़ोस के पुराने घरों में कई सालों से दो भूत रहते थे एक का नाम था विनायक और दूसरी थी करिसटीन दोनों बड़े ही शांत किसम के थे पर उनका थोड़ा-बहुत विचरण या कुछ हरकतें (जिनसे किसी को नुकसान नहीं होता था) उन घरों में बाद में किराए पर रहने वाले लोगों को डरा दिया करती थी हालांकि, थोड़े समय बाद इन घरों में रह रहे परिवारों को इनकी आदत पड़ जाती इस तरह कुछ दशक बीते जहां विनायक, भगवान गणेश का परम भकत था वहीं करिसटीन कटटर कैथोलिक ईसाई ...
Published on January 03, 2020 02:38
January 2, 2020
साहित्य चेतना सम्मान 2019 - मोहित शर्मा ज़हन
Published on January 02, 2020 15:48
December 30, 2019
भूत बाधा हवन बनाम एक्सोरसिस्म (कहानी)
पुणे से कुछ दूर एक वीरान सी बसती में लगभग आधा दरजन परिवार रहते थे। वहां दो पड़ोस के पुराने घरों में कई सालों से दो भूत रहते थे। एक का नाम था विनायक और दूसरी थी करिसटीन। दोनों बड़े ही शांत किसम के थे पर उनका थोड़ा-बहुत विचरण या कुछ हरकतें (जिनसे किसी को नुकसान नहीं होता था) उन घरों में बाद में किराए पर रहने वाले लोगों को डरा दिया करती थी। हालांकि, थोड़े समय बाद इन घरों में रह रहे परिवारों को इनकी आदत पड़ जाती। इस तरह कुछ दशक बीते। जहां विनायक, भगवान गणेश का परम भकत था वहीं करिसटीन कटटर कैथोलिक ईसाई...
Published on December 30, 2019 02:38
November 30, 2019
The journey continues...
Published on November 30, 2019 17:51
November 29, 2019
Something new
Published on November 29, 2019 07:03
November 22, 2019
कुछ मीटर पर...ज़िंदगी! (कहानी)
आस-पास के माहौल का इंसान पर काफ़ी असर पड़ता है। उस माहौल का एक बड़ा हिससा दूसरे इंसान ही होते हैं। एक कहावत है कि आप उन पांच लोगों का मिशरण बन जाते हैं जिनके साथ आप सबसे ज़यादा समय बिताते हैं। जहाँ कई लोग दूसरों को सकारातमक जीवन जीने की सीख दे जाते हैं वहीं कुछ जीवन के लिए अपना गुससा, नाराज़गी और अवसाद अपने आस-पास छिड़कते चलते हैं।
35 साल का कुंदन, रांची की एक बड़ी कार डीलरशिप में सेलसमैन था। अकसर खुद में कुढ़ा सा रहने वाला जैसे ज़िंदगी से ज़िंदगी की चुगली करने में लगा हो। उसकी शिकायतों का पिटारा कभी ख़त...
Published on November 22, 2019 11:33


