Mohit Sharma's Blog, page 11
April 11, 2018
उल्लास की आवाज़ (कहानी) #ज़हन
Artwork - Igor Vitkovskiyजीव विजञानी डॉकटर कोटल और उनके नेतृतव में कुछ अनुसंधानकरताओं का दल परशांत महासागर सथित एक दुरगम दवीपसमूह पर कई महीनों से टिका हुआ था। उनका उददेशय वहाँ रहने वाले कबीलों में बेहतर जीवन के लिए जागरूकता फैलाना था। सथानीय धरम सूमा के रीती-रिवाज़ों में हज़ारों कबीलेवासी अपनी सेहत और जान-माल से खिलवाड़ करते रहते थे। इतने कठिन और अजीब नियमों वाले सूमा धरम में जागरूकता या बदलाव के लिए कोई सथान नहीं था। अलग-अलग तरीकों से कबीले वालों को समझाना नाकाम हो रहा था। वीडियो व ऑडियो स...
Published on April 11, 2018 16:46
April 5, 2018
रोग में मिला जोग...स्वर्ग में बनी शादी (कहानी) #ज़हन
Artwork - Vinj Gaguiमानसिक रोग विशेषजञ डॉकटर जैना गरभावसथा में ली कुछ महीनों की छुटटी के बाद हॉसपिटल काम पर लौटी थीं। रोज़ के काम के बीच कुछ कागज़ों ने जैना का धयान खींचा। शाम तक उन कागज़ों की बात जैना के मन में गोते लगा रही थी। आखिरकार उसने विभाग की नरस से अपनी शंका का समाधान करना उचित समझा।
"ये रिटायरड मेजर उतकरष और मिस कोमल कैसे गायब हो गये? दोनों की मानसिक हालत दयनीय थी। मुझे तो लगा था...अभी कम से कम मेरे परसव के कई महीनों बाद तक इनका इलाज चलेगा।"
नरस को ज़यादा जानकारी...
Published on April 05, 2018 16:41
April 4, 2018
एड्रनलिन रश वाली झुरझुरी (कहानी) #ज़हन
दिलीप ने चलती गाड़ी से शराब की बोतल सड़क पर पटकी। नशे में कार चला रहे उसके दोसत हफ़ीज़ ने उसे टोका। "ऐसे बोतल नहीं फेंकनी चाहिए! जानवरों और लोगों के पैरों में कांच चुभ सकता है। दुपहिया वालों का एकसीडेंट हो सकता है।"दिलीप ने उसे झिड़का - "साले! पापा को मत सीखा और कार भी नशे में नहीं चलानी चाहिए....लोग मर सकते हैं। फ़िर भी चला रहा है ना तू?"
हफ़ीज़ का मूड़ ठीक करने के लिए दिलीप दारशनिक सटाइल में आ गया।"शराब, चरस में टुनन रहना ही नशा नहीं है। भाई जीवन जी, मौज कर....एडरनलिन रश को समझ! यूँ बिना देखे का...
Published on April 04, 2018 16:45
March 25, 2018
Updates #ज़हन
23 March Shaheed Diwas Poetry
*) - बसंती चोला मैला ना हो... ...तो विदेशी लिबास में ढक लिया,पीढ़ियों को आज़ाद करने...अदने से पिंजरे का कश लिया!गैरों की बिसात पर उसकी बात चल गयी....कागज़ी धमाके से रानी की चमड़ी जल गयीगरम दल की आंच पर मुलक का ठंडा खून उबालने वाला,साढ़े तेईस बरस का भगत...गोरी हुक़ूमत पर साढ़े साती लाने वाला....
*) - आज़ादी की लहर में दोनों रुख के बंदे बहे, जहाँ नरम दल के सिपहसेलार बने खुदा...और पयादे तक बादशाह हो गये,वही गरम दल के शहीद अपने ही देश में... करांतिकारियों...
*) - बसंती चोला मैला ना हो... ...तो विदेशी लिबास में ढक लिया,पीढ़ियों को आज़ाद करने...अदने से पिंजरे का कश लिया!गैरों की बिसात पर उसकी बात चल गयी....कागज़ी धमाके से रानी की चमड़ी जल गयीगरम दल की आंच पर मुलक का ठंडा खून उबालने वाला,साढ़े तेईस बरस का भगत...गोरी हुक़ूमत पर साढ़े साती लाने वाला....
*) - आज़ादी की लहर में दोनों रुख के बंदे बहे, जहाँ नरम दल के सिपहसेलार बने खुदा...और पयादे तक बादशाह हो गये,वही गरम दल के शहीद अपने ही देश में... करांतिकारियों...
Published on March 25, 2018 14:59
February 21, 2018
Bada Munh, Badi Baat - The Mohit Sharma Podcast Show
Nazariya Now Presents : Bada Munh, Badi Baat''The Mohit Sharma Podcast Show''Hindi, EnglishComing Soon....
नज़रिया नाउ के सौजनय से एक ऑडियो-पॉडकासट शो शुरू कर रहा हूँ। इस पॉडकासट शो में सामाजिक, हासय, कला, परेरणादायक विषयों पर बोलूँगा, कभी कावय-कहानी भी होंगी। आशा है इस नये माधयम से आप सबके मन में और अधिक जगह बना सकूँ।
Available: Vimeo, Soundcloud, 4Shared, Clyp, Dailymotion, Tumblr etc.
Published on February 21, 2018 06:08
February 16, 2018
Collab Painting Gift for Fiancee
Collaborative painting with artist Jyoti SinghTitle - MeghaMedium - Oil on canvasSize - 24"24" inchGift for my fiancee...Megha :)
Published on February 16, 2018 02:37
February 3, 2018
नये उपन्यास में नज़्म
शुभानंद कृत मासटरमाइंड (जावेद, अमर, जॉन सीरीज) नॉवेल में परकाशित नज़म।
अभी तो सिरफ मेरी मौजूदगी को माना,दिमाग में दबे दरिनदों से मिलकर जाना। तुझे तड़पा-तड़पा कर है खाना,पीछे दरिया रासता दे तो चले जाना।
कभी किसी की चीख से आँखों को सेका है?कभी बचचे का जिसम तेज़ाब से पिघलते देखा है?अभी वक़त है...रासते से हट जाओ,किसी का दरद दिखे तो पलट जाओ।जिसकी दसतक पर दिलेरी दम तोड़ती है...मौत से नज़रे मत मिलाओ!
क़ातिल आँधियों मे किसका ये असर है?दिखता कयों नहीं है हवा मे जो जहर है?चीखें सूखती सी कहाँ मेरा बशर है?ये उ...
Published on February 03, 2018 01:30
January 31, 2018
Sooraj Pocket Books Event, Delhi (January 2018)
28 जनवरी 2018 को पीतमपुरा, दिलली में सूरज पॉकेट बुकस के पहले आयोजन में शिरकत करने और मंच संचालन का मौका मिला। लेखक शुभानंद जी के नये नॉवेल "मासटरमाइंड" में मेरी नज़म शामिल थी। इस तरह सूरज पॉकेट बुकस में यह मेरी तीसरी पोएटरी थी। भविषय में इस परकाशन के साथ कुछ और किताबों में मेरा काम पढ़ने को मिलेगा।
with Anadi Shubhanand, Deven Pandeyयह इवेंट सफल रहा...जहाँ कई युवा लेखक, कवि दिख रहे थे, वहीं परशुराम शरमा जी, आबिद रिज़वी जी, आशा शैली जी और किशोर शरीवासतव जी जैसे वरिषठ साहितयकार मौजूद थे। अपनी...
Published on January 31, 2018 19:41
January 26, 2018
Aksar Shab-e-Tanhai mein (Reshma Song Cover) | Mohit Trendster
अकसर शब-ए तनहाई में... (सवरगीय रेशमा कवर गीत) - मोहित शरमा ज़हनबड़ी हिममत जुटाकर यह नज़म गाने की कोशिश कर रहा हूँ। मेरे ऑडियो पॉडकासट, वकतवय, हासय और फिकशन आप सबने पसंद किये हैं, आशा है येकवर आपको पसंद आये।
Aksar shab-e-tanhai mein (Reshma ji cover song) #folk #reshma #mohit_trendster Other web-links: Vimeo, Soundcloud, Tumblr, Mediafire, 4shared etc
Published on January 26, 2018 05:38
January 25, 2018
रहनुमा अक्स (नज़्म) #mohit_trendster
पिघलती रौशनी में यादों का रक़स,गुज़रे जनम की गलियों में गुम शख़स,कलियों की ओस उड़ने से पहले का वक़त। शबनम में हरजाई सा रंग आया है,जबसे तेरे अकस को रहनुमा बनाया है...
तेरे दर का सरफिरा रासता, इशक़ की डोर में वाबसता, दिल में मिलकियत...हाथ में गुलाब ससता। उपरवाले ने अब मेरी दुआओं का हिसाब बनाया है,जबसे तेरे अकस को रहनुमा बनाया है...
नारियल सा किसका नसीब,माना जिनहे रक़ीब, निकले वो अपने हसीब। वक़त की चुगली में जाने कितना वक़त बिताया है,जबसे तेरे अकस को रहनुमा बनाया ह...
Published on January 25, 2018 12:52


