Goodreads helps you follow your favorite authors. Be the first to learn about new releases!
Start by following Rajeev Saxena.

Rajeev Saxena Rajeev Saxena > Quotes

 

 (?)
Quotes are added by the Goodreads community and are not verified by Goodreads. (Learn more)
Showing 91-111 of 111
“जीव उसे कहते हैं, जो चित्त को बीज रूप में (माइक्रो) अपने साथ लिए आत्मा के साथ लिप्त हो जाता है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“अभाव के रूप में शुद्ध परम ऊर्जा ही थी। अभाव में से ‘अ ’ लुप्त हुआ तो ‘भाव’ उत्पन्न हुआ। इसी भाव से सृष्टि की रचना प्रारम्भ हुई। यही बात शास्त्रों में ऐसे कही गयी है कि ईश्वर कि इच्छा हुई कि मैं एक से अनेक हो जाऊँ,”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“जिसकी जिस चक्र में ऊर्जा का जितना अधिक प्रवाह, उसके भीतर वैसे ही भाव।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“पाँचवा चक्र विशुद्ध चक्र है। यह आत्मिक शरीर से जुड़ा होता है। सामान्य मनुष्य में यह शरीर नहीं होता या लेशमात्र होता है, क्योंकि बहुत कम लोगों में ही विशुद्ध चक्र तक ऊर्जा का प्रवाह होता है। चौथे चक्र, यानी अनाहत तक ऊर्जा के प्रवाह से हमारे भीतर जो जागृति (Awareness) पैदा होती है, उसी से इस चक्र का निर्माण होता है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“मन मतलब एक जन्म की यादों की गठरी और चित्त मतलब कई जन्म के संस्कारों की गठरी।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“राजसी वैभव से महात्मा बुद्ध का मन तृप्त हो गया होता तो वे महलों के सुख छोड़कर जंगल में क्यों भटकते?”
Rajeev Saxena, Saans Ke Rahasya - Jo Chahein, So Paayein
“बोध की शक्ति को विश्राम देकर ही उसे जाना जा सकता है।”
Rajeev Saxena, Dhyan - Kitna Mushkil Kitna Aasaan
“विज्ञान भौतिक जगत की सीमा में रहकर उससे जुड़ी खोज करता है। जबकि अध्यात्म की तो बुनियाद में ही भौतिक जगत के बारे में स्पष्ट कह दिया गया है, “जगत मिथ्या, ब्रह्म सत्य”।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“जो साँस भीतर जा रही थी, वह किस बिंदु से मुड़कर बाहर निकलने वाली साँस बन गयी। सरल सा लगने वाला यह काम बहुत कठिन है। क्योंकि यह घटित होता है पल के भी हज़ारवें हिस्से में और उस बीच आपका मन आपको कहीं न कहीं टिका ही देता है। असल में यह लगातार करने से यह क्रिया बहुत बड़ी साधना बन जाती है। इस विषय में शिवसूत्र में भगवान शिव माँ पार्वती को बताते हैं कि साँस के मिलन बिंदु पर आत्मा स्थित है। ध्यान के लिए बैठते समय आप सिर्फ़ यही प्रयोग करते रह सकते हैं।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“उसको सम्पूर्ण सृष्टि स्वयं में और सम्पूर्ण सृष्टि में स्वयं के होने का बोध होता है। परम ऊर्जा का चक्र यहाँ पूर्ण हो जाता है। जहाँ से परम चेतना की यात्रा शुरू हुई, वहीं जाकर समाप्त हो जाती है। इसके बाद कोई शरीर नहीं बचता। नदी सागर में मिलकर ख़ुद सागर बन जाती है। हर मनुष्य इसी ऊँचाई को पाने की सम्भावना लेकर जन्म लेता है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“पहले दो चीज़ें थी, चेतना और शरीर। अब तीन हो गयीं— 1.चेतना (आत्मा) 2.जीव (जो चेतना से जुड़कर जीवात्मा बना) 3.शरीर। सारा झमेला बस यहीं से शुरू होता है। इन तीन चीजों में शामिल जीव जन्म-जन्म के अनुभव संग्रह करके चित्त तैयार करता जाता है। वह रुकने का नाम ही नहीं लेता। यही जीव जन्म-जन्म के अनुभव इकट्ठे करके चित्त को घना और जटिल करता जाता”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“मछली के रूप में भाव की उत्पत्ति”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“आत्मा शुद्ध चेतना को कहते हैं, लेकिन जब उसके साथ जीव लिप्त हो जाता है, तो वह जीवात्मा कहलाती है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“देवता वे आत्मा हैं, जिनमें जीव लिप्त नहीं है। वे मनुष्य के स्तर से बहुत ऊपर जा चुकी हैं, लेकिन वे अनंत में लीन नहीं हुईं, यानी मोक्ष प्राप्त नहीं किया। हमारे साथ ही उनका भी अस्तित्व है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“जैसे एक कमरे में रोशनी और ख़ुशबू दोनों एक साथ होती हैं। फिर उसी कमरे में टीवी के रिमोट की तरंगे भी काम करती हैं और उसी में मोबाइल का सिग्नल या”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“अनुभव की यादों को संग्रहित करने की इसी शक्ति से मनुष्य में मन पैदा हुआ। मन से विचार उत्पन होने लगे।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“मन सिर्फ़ यादों की एक गठरी भर”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“पहले भाव उत्पन्न होता है, फिर उसी से जुड़े विचार आने लगते हैं।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“अध्यात्म की सारी खोज उस तीसरे नेत्र के संबंध में होती है, जो सूक्ष्म जगत और इस जगत के बीच संपर्क का माध्यम होता है। फ़िलहाल विज्ञान इस तीसरे नेत्र से दूर ही है।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya
“पिंगला के प्रयोग से शरीर पर नियंत्रण पाया जा सकता है।”
Rajeev Saxena, Dhyan - Kitna Mushkil Kitna Aasaan
“हम जो कुछ भी हैं, वह सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी चेतना के कारण ही होते हैं। उसके बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं।”
Rajeev Saxena, Kahan Pahunche Aap?: Jeevatma Jagat Aur 7 Chakron Ki Yatra Ke Rahasya

1 2 4 next »
All Quotes | Add A Quote
Pinto Has An Idea Pinto Has An Idea
82 ratings
Open Preview
Man Ki Shakti: Chetana Ke Saat Star Ka Adhyatmik Rahasya (Hindi Edition) Man Ki Shakti
33 ratings