Wo Lamha Quotes

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Wo Lamha Wo Lamha by Pushpindra Chagti Bhandari
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“वक़्त की शाख़ पर
टिका है वो लम्हा
आज भी जस का तस ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“कुछ वक़्त
कभी गुज़रता ही नहीं

कभी भी नहीं ....
है न ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“बस नज़रों से सुनो
और छुअन से कहो...”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“वो अनदेखा सा
ख़्वाब था
जो पलकों में ठहर गया
न तुमने कहा न वो आगे बढ़ा”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“क्योंकि मेरे पास
हज़ार वजहें थीं
तुम को भूल जाने की”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“एक ज़रा सा टुकड़ा धूप का
मैंने कब ज़िन्दगी से
उसकी जागीर मांगी थी”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“दिन उगता है तेरे ख़्याल से
रात आती है तेरी याद लिए
ज़िन्दगी शुक्रिया इस मुस्कान के लिए”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“उसकी पीठ को देखा तो
ध्यान आया
उसके चेहरे के कई नक़्श
शायद याद ही न हों मुझे”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“या कोई सलवट थी
जो बहुत चुभती रही,


मेरी चादर में”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“मेरी भीगी आँखों में
वही है जो मुस्कराता है,”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“काश कभी ऐसा हो जाये
भीगा मन हो
और मैं टांग दूँ अलगनी पर
तुम सुबह की धूप बन कर
मेरे आँगन आ जाओ ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“एक कहकहा.....था
जिसकी गूंज आज भी
मेरे कानों में बसी है”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“बेवजह ही ;
कभी जब तुम याद आते हो तो
आँख पोंछ कर कहकहे लगाती हूँ ....
तुम्हारी पसंद का रंग पहनती हूँ ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“प्रेम ..
जिसमें सिर्फ
मानना है,
जानने की ज़रूरत नहीं ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“जाने उसकी अना बड़ी थी
या मेरा hurt,”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“काश वो रोक लेता मुझे
रख कर कोई वादा....”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“उससे दूर जाते हुए भी
इंतज़ार रहा मुझ को......”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“अपनी आँखें झुकाते हुए मैंने कहा
“ये सारी बातें मेरी नींद को disturb नहीं करतीं”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“हल्का सा, बहुत हल्का सा
मुस्कराना
और फिर सीधा चले जाना,”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“एक आँसू.....है
जो आज भी मेरी
आँख की कोर में रहता है ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“मैं चाहती हूँ,
तुम मेरी चुप बनो,”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“इतना close तो मैं
ख़ुद को भी ना आने दूँ कभी ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“मैंने कहा —
अगर मैं अपने अश'आर में नहीं
तो कहाँ पढ़ोगे मुझ को ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“उस ने कहा — कभी यूँ करो
ख़्वाब की सिर्फ़ एक कतरन देखो !”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“बेवजह ही ;
हथेली में चाँद रख लेती हूँ ....
रात से झगड़ा कर लेती हूँ,
ख़्वाबों को वापिस भेज देती हूँ ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“मैंने ख़ुदा को नहीं देखा
दोस्त
मैंने बस इश्क़ को जाना है ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“किसी चाय की भाप में
मैंने तुम को miss नहीं किया”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“उसकी तरफ पीठ कर के
बैठ गयी मैं, अपनी चाय लेकर ।।
फ़ोन में मैसेंजर पर
दिल भेज दिया उसने ....
और
ज़रा सी मुस्कान आ गयी
मेरी नम आँखों में ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha
“बेवजह ही ;
किसी दिन चाय के दो कप बनाती हूँ ....
Balcony में खड़े हो कर
दूर तक तुम को तलाशती हूँ ।।”
Pushpindra Chagti Bhandari, Wo Lamha