Ibnebatuti । इब्नेबतूती Quotes
Ibnebatuti । इब्नेबतूती
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Divya Prakash Dubey553 ratings, 4.25 average rating, 104 reviews
Ibnebatuti । इब्नेबतूती Quotes
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“बिना कुछ खोए एक लंबे सफ़र को पूरा नहीं किया जा सकता। सब कुछ खोने के बाद भी हमारा जो हिस्सा बचा रह जाता है, असल में हम उतना ही होते हैं, बाकी सब तो शो-ऑफ है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“कई बार मन का खाने से मूड अच्छा हो जाता है। मूड अच्छा खाने से नहीं होता है, उस ख़ास ख़ुशबू से होता है जो तभी आती है, जब कोई ख़ास उसे अपने हाथों से बनाए।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“उस दौर में प्यार को बोलना इतना ज़रूरी नहीं था जितना कि महसूस करना, ख़ामोश रहना।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“भारी बात को हल्का करने के लिए लंबी साँस की ज़रूरत पड़ती है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“सपने दो बार पूरे होते हैं, एक तब हम उसके बारे में सोच लेते हैं और दोबारा सच में।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“कहते हैं कि शहर की उम्र उतनी ही होती है जिस नज़र से आप उसको देखते हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हम एक चलती-फिरती घड़ी हैं जिसकी बड़ी सुई मन है और छोटी सुई याद।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“लोगों को कई बार सड़क, पहाड़, नदी या समंदर नहीं, बल्कि एक टूटा हुआ पुल जोड़ता है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“नींद असल में तब आती है जब हम उसको बुलाना भूल जाते हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“सूखी हुई नदी ही एक बहती हुई नदी की असली कहानी जानती है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हमारे अंदर का सारा ख़ालीपन असल में केवल एक व्यक्ति का ख़ालीपन है। एक व्यक्ति के ख़ालीपन को पूरी दुनिया मिलकर भी भर नहीं पाती।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“वो खिलौने, वो दिन, वो बातें जिनसे हम बने होते हैं, वो कभी लौटकर नहीं आते।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हर माँ के पास अनगिनत कहानियाँ होती हैं। जितनी वह सुनाती जाती है, उतनी ही कहानियाँ बची रह जाती हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हर घर में ऐसे कुछ स्याह कोने होते हैं जो खोलने के लिए नहीं होते। इन जगहों पर कोई जाना नहीं चाहता क्योंकि ऐसी जगहों पर लौटकर जाना मुश्किल होता है और अगर एक बार पहुँच गए तो वापस आना असंभव हो जाता है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“अक्सर होता है न कि जहाँ के लिए हम चले थे, वहाँ पहुँचते ही याद आता है कि पहुँचने की वजह खो चुकी है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“सुबह की चाय में सुबह रहती”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हर माँ अपनी मर्ज़ी को, बच्चे की ख़ुशी से तौलती है और बच्चे की ख़ुशी वाला पलड़ा चाहे हल्का हो या भारी इसकी नौबत आती ही नहीं क्योंकि माँ के तराज़ू में दोनों तरफ़ बस बच्चे की ख़ुशी का ही पलड़ा होता”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“इसलिए शायद गंगा जी में राख बहाते समय आदमी सब शिकायतें भी बहा देता है। ईश्वर पर विश्वास हो-न-हो, मौत के ठीक एक पल बाद की दुनिया की पहेली हमें ईश्वर पर विश्वास करने की वजह देती है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“ज़िन्दगी को समझने कि चाभी मौत में छिपी है, यह अदना-सी बात समझ आने में सालों बीत जाते हैं। कई ज़िंदगियाँ, हज़ार सदियाँ बीत जाती हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“... प्रेम, आह के धुएँ से बना एक बादल है ... हम जानते हैं कि हम कौन हैं, मगर हम नहीं जानते हैं कि हम क्या हो सकते हैं ... हम जानते हैं कि हम क्या हैं, लेकिन ये नहीं जानते कि हम क्या बन सकते हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“माँ और बच्चा चाह कर भी एक दूसरे से ज़्यादा देर तक नाराज़ नहीं रह पाते। अगर माँएं न होतीं तो इतना गुस्सा लेकर हम कहाँ जाते! देखा जाए तो माँ पर हर चीज़ का गुस्सा निकालना ज़्यादती है लेकिन कुछ ज़्यादतियाँ करने के लिए इंसान अभिशप्त है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“शालू और राघव में इस बात को लेकर बहुत देर तक बहस हुई। माँ के साथ बहस लम्बी होती कहाँ है! बस बातचीत बंद हो जाती है। यहाँ भी बातचीत बंद हुई, पूरे दो घंटे के लिए।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“दुनिया की सबसे मुश्किल बातें शायद माँ बनकर ही आसानी से कही जा सकती हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“वह ऐसे लौटी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। हिंदुस्तानी माँएं इस मामले में एक्सपर्ट होती हैं। चाहे बड़ी-से-बड़ी बात हो जाए वे सब कुछ दोबारा से शुरू कर लेती हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। पूरी दुनिया भी अगर उनको शुरू करने को कहा जाए तो वे ऐसे शुरू करेंगी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“ग़लती किसकी थी अम्मा?” राघव ने शालू की तरफ़ पानी बढ़ाते हुए पूछा।
“ग़लती किसी की भी हो, कुछ गलतियां सही नहीं हो सकतीं। शायद समय ग़लत था।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“ग़लती किसी की भी हो, कुछ गलतियां सही नहीं हो सकतीं। शायद समय ग़लत था।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“.. आप इतनी पढ़ाई-लखाई केवल इसलिए कर रही
हैं कि आपको अच्छा पति मिल सके? अपना और अपनी पढ़ाई की इज़्ज़त न करिये कोई बात नहीं लेकिन इतनी बेइज़ती भी न करिये।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
हैं कि आपको अच्छा पति मिल सके? अपना और अपनी पढ़ाई की इज़्ज़त न करिये कोई बात नहीं लेकिन इतनी बेइज़ती भी न करिये।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“सबसे जल्दी आदमी खुद से ऊब जाता है। शालू ने कल रात से तब तक पूरी ज़िन्दगी ही रिवाइज़ कर ली थी। वह खुद से ऊब चुकी थी।
उसने ऊब मिटाने के लिए चाय बनाई। हम अपने बीते हुए कल को 'रात गई बात गई' की तरह मिटाने की लाख कोशिश करके अपने मन पर उसको और ही गाढ़ा करते जाते हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
उसने ऊब मिटाने के लिए चाय बनाई। हम अपने बीते हुए कल को 'रात गई बात गई' की तरह मिटाने की लाख कोशिश करके अपने मन पर उसको और ही गाढ़ा करते जाते हैं।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“शालू ने जो रिएक्शन दिया उसको दुनिया कि किसी भी भाषा में शर्माना ही कहा जाएगा। हर माँ हँसते हुए चिड़िया जैसी लगती है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“हम सभी की ज़िन्दगी में कुछ दिन ऐसे होते हैं जिनका सामना हम नहीं करना चाहते। पर वे दिन बार-बार घूम-घूम के सामने पड़ जाते हैं। ठीक उस रास्ते की तरह जो छोटा तो होता है लेकिन अक्सर वहीँ ट्रैफिक जाम रहता है लेकिन फिर भी हम उस एक उम्मीद से वह रास्ता ले लेते हैं कि शायद आज वहां ट्रैफिक न हो। हमारी सारी ज़िन्दगी एक 'शायद' के इर्द-गिर्द ही घूमती है।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
“दुनिया की हर औरत इस वरदान के साथ पैदा होती है कि उसे झूठ बोलना सीखना नहीं पड़ता। औरत एक झूठ से दुनिया भर के आसान कर लेती है। अदना सा झूठ कि ठीक हूं। वो ठीक न होते हुए भी बोल देती है कि ठीक हूं और सब को विश्वास हो जाता है। या कोई बड़ा-सा झूठ, उस सच की खातिर जिसका बोझ धोना असंभव हो सकता था।”
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
― Ibnebatuti । इब्नेबतूती
