डार्क हॉर्स Quotes
डार्क हॉर्स
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डार्क हॉर्स Quotes
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“जिंदगी आदमी को दौड़ने के लिए कई रास्ते देती है, जरूरी नहीं है कि सब एक ही रास्ते दौड़ें। जरूरत है कि कोई एक रास्ता चुन लो और उस ट्रैक पर दौड़ पड़ो। रुको नहीं...दौड़ते रहो। क्या पता तुम किस दौड़ के डार्क हॉर्स साबित हो जाओ।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“इस देश ने जितना माक्र्स को पढ़ा, समझा और अपने में गूँथा-ठूँसा, उतना अगर गाँधीजी को पढ़ा-समझा होता तो शायद पीढ़ियों का सबक कुछ और होता।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“वैसे चलिए आप सबके ही साथ यहाँ हँसते, रहते, पढ़ते मैंने खुलकर अपनी जिंदगी जी ली। जी भर जी ली मैं, अब शादी होगी और पति का साथ तो मरने तक निभाना है। उनके साथ तो मरना होता है ना! जीने वाला दौर जी लिया मैंने।” विदिशा ने कहा।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“पुरातन विश्वविद्यालयीय अध्ययन परिपाटी का पारंपरिक छात्र था जो या तो संयोग से आईएएस बनता है, या फिर कुछ नहीं बनता है। आज के समय जब देश में आयोजित किसी भी क्षेत्र की प्रतियोगिता परीक्षा में विज्ञान, तकनीकी, गणित और अँग्रेजी का महत्व बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाने लगा था ऐसे में इन विश्वविद्यालय से इतिहास, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र जैसे विषयों को लेकर पढ़े छात्रों की डिग्रियाँ बस शादी के कार्ड में जिक्र करने के काम आती थीं, अन्यत्र कहीं नहीं,”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“नशा है आईएएस की तैयारी। जब तक उम्र और अटेम्प्ट है, एक बार आया लड़का ये दोनों गँवाए बिना मुखर्जी नगर से शायद ही वापस जाता था।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“संतोष ने अगले ही पल मेज पर रखी स्याही की बोतल उठाई और अपने हथेली पर गिराकर उसे पोत लिया। उसने अपनी पुरानी भाग्य की रेखाएँ मिटा दी थीं। अब उसका हाथ सपाट था, कोई रेखा नहीं। उसने कसम खा ली, इस पर फिर से अपना भाग्य लिखेगा। उसने तभी तय कर लिया कि चाहे पापा पैसे भेजें या न भेजें पर घर वापस नहीं जाएगा अभी। वह रायसाहब के रास्ते नहीं चलेगा। उसने तय कर लिया था, वह अपने रास्ते दौड़ेगा, छोड़कर भागेगा नहीं।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“यह बहुत भावुक क्षण था। मुखर्जी नगर आए लड़कों का बिना अपने सपने लिए बस अपने लाए सामान के साथ बेरंग लौटना सबसे ज्यादा कठिन समय होता है। “खैर, बहुत कुछ सीखे यहाँ और ये भी जाने हैं कि टैलेंट ही सब कुछ नहीं है भाग्य में भी होना चाहिए तभिये होगा।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“तो क्या हुआ। अभी तो तुम्हारे पास और प्रयास है न! आगे हो जाएगा।” गुरु ने मुखर्जी नगर की रटी-रटाई लाइन बोली। “वाह रे गुरु भाई वाह! लीजिए, लीजिए साला हमारा फोन। बोलिए न हमरे बाप को कि पीटी नहीं हुआ इस बार भी आपके बेटे का, अगली बार हो जाएगा। अरे कैसे मुँह दिखाएँगे? हमारे बाप ने कर्जा लेकर हमको पैसा भेजा। इतना कष्ट से खर्चा आता है और साला हम कुछ नहीं कर पाए।” बोलकर दहाड़ मारकर रोने लगा संतोष। गुरु ने बड़ी मुश्किल से उसे समझा-बुझाकर शांत किया और कमरे पर लेकर आया। संतोष पूरी तरह एकाकी हो गया था। फ्रस्ट्रेशन शब्द का अर्थ उसने अब जाकर समझा था। दिन-रात यही चिंता कि घर किस मुँह लौटेगा। न किसी से बात करता न कहीं जाता। कुछ महीने यूँ ही गुजरे। एक दिन विनायक बाबू का फोन आ ही गया आखिर।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“पढ़कर मर गए साला पर पीटी नहीं हुआ।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“का करिएगा विरंची जी, बहुत ऊँचा चला गया बेटा हमरा, हमसे छुआता ही नहीं है अब। हम भी उसके साथ-साथ तनी ऊँचा हो गए हैं, सो ऊँचाई का दु:ख का लौकेगा अब नीचे वाले को। सब कहता है भोलानाथ को अब का दु:ख?” भोलानाथ यादव शून्य में देखते बोले जा रहे थे। “अरे आप भी फालतू टेंशनियाए हैं। एतना बड़ा घर में शादी किया। बहू भी आईएएस मिली और का चाहिए!” विरंची पांडे बोले। “हाँ विरंची जी पर एक बात बोलें, बड़ा घर में तो किया पर नेताजी के यहाँ करता न, नेता जनता से भी निभा देता है, हम तऽ फिर भी कलेक्टर के बाप थे” बोल के भोलानाथ यादव खैनी रटाने लगे।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“अभी कुछ महीने पहले आईएएस बनने के बाद जब आसपास का पूरा गाँव उसे देखने आया था, उससे उसने जो देवत्व पाया था वो यहाँ इतने देवताओं के बीच गुम हो गया था।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“वे एक ऐसी बारात के मुखिया थे जो बिना अपने बेटे और बहू के वापस घर लौट रही थी।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“किसी ने उडा़कर पर काट लिए हों।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“दोनों के बीच प्रेम सावन में दूब की तरह बड़ी तेजी से उग आया था।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“का सरकार, चार करोड़ देने वाले की बेटी नहीं देखी जाती। अरे ऊ हमारी भी बेटी है।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“एक मैसेज से जवाब देता था गुरु। पूरी दुनिया के आगे शब्दों से परमाणु बम पटक देने वाला गुरु बरसों से अपने पिता के आगे चुप था। बोलकर भला क्या साबित कर सकता था! उसे कुछ करके साबित करना था। रास्ते में कोचिंग लेकर वापिस आता संतोष मिल गया। “आपका रिजल्ट का क्या हुआ गुरु भाई?” संतोष ने देखते पूछा। “वही जो देवदास का पारो के घर हुआ था, एकदम दरवाजे पर जा के दम तोड़ दिए हम भी, हाहाहा साला यूपीएससी” कहकर गुरु खूब हँसा।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“गुरु एक बार हारी हुई बाजी फिर नहीं खेलना चाहता था क्योंकि अब वह जीतकर भी हार जाता।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“इस सूर्य की रौशनी में जितनी भी चीजें दिखाई दे रही हैं, वो सब यूपीएससी का सलेबस है। तुम्हें इसका अध्ययन करना है तो हर वक्त आँख और कान खुले रखो। बस समझो हो गई तैयारी।” गुरु ने दार्शनिक अंदाज में कहा।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“माँ के मुँह से निकला था, “पता नहीं दफन होने को दो गज भी जमीन बचेगी कि नहीं, पर तू मत हारना जावेद, अब्बा का सपना पूरा करना। ये जमीन जाने दे। तुझे तो आसमान जीतना है।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“बेटे के प्रति पिता के कठोर व्यवहार के आवरण को एक माँ खीरे के छिलके की तरह उतार देती है और”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“एक ऐसा वर्ग था जो घर के भेजे पैसे से अभी खा तो ब्रेड रहा था पर आगे की चिंता रोटी की थी।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“बिदेशिया, छठ के गीत, विवाह संस्कार के गीत, धोबिया, डोमकच, जंतसार, कजरी, चैती, चैता, फगुआ, होली सब सुनाता था और सब पर अच्छी जानकारी भी रखता था।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“कोई भी कह सकता था कि बुढ़ापा आदमी का अंतिम बचपन है।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“उत्साह बढ़ाने में गाय और बैल का कोई फर्क नहीं करते थे। वे बैल को भी यह आशा बँधवा देते थे कि ‘तुम एक दिन दूध दोगे, बस अच्छे से चारा-बेसन खाओ’ और फिर इनके दिए नोट्स का चारा खा-खाकर कई इस उम्मीद में कई विषय के साँड़ तो हो गए लेकिन सफलता का दूध नहीं निकला”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“तय नहीं कर पा रहा था कि वह क्या महसूस करे, गुदगुदी या कंपन। वह इन दोनों का भेद नहीं समझ पा रहा था।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
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“भाषा तो सब जरूरी है, अँग्रेजी व्यापार की भाषा है, उर्दू प्यार की भाषा है और हिंदी व्यवहार की भाषा है”।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“केवल अँग्रेजी बोलने की क्षमता न होने के आधार पर बाहर कर देने की परिपाटी का मैं विरोध करता हूँ। मैं उस मानसिकता का विरोध करता हूँ जिसने मुझे बिहारी दूल्हे का टाई वाला जुमला सुनाया। ये परिपाटी बदलेगी और मैं इसके विरुद्ध लड़ने का साहस रखता हूँ। एक दिन ये लड़ाई जरूर होगी। हम जीतेंगे भी देख लेना भरत कुमार, हम जीतेंगे। ये मानसिकता हारेगी।” गुरु ने इतना कहकर आँख मूँद ली, दो बूँद नीचे गिरी टप से।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“मैंने कहा कि ये दिन मेरे जीवन का सबसे निर्णायक दिन है। जितना पढ़ा और सीखा है उन सबको प्रस्तुत करने के लिए आपको मेरे लिए सबसे उपयुक्त और सहज माध्यम उपलब्ध कराना चाहिए न कि किसी विशेष माध्यम से ही खुद को पेश करने के लिए दबाव बनाना चाहिए। आज तो मुझे मेरी अभिव्यक्ति का सबसे अनुकूल माध्यम चाहिए न, क्योंकि आप तो मुझे मेरे ज्ञान और व्यक्तित्व से परखेंगे, न कि किसी खास भाषा को बोल लेने भर की क्षमता से परखेंगे। इतना सुनकर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम नेता बनोगे, वही क्षेत्र ठीक रहेगा, वही बन जाओ। आईएएस वाली बात नहीं है तुममें। तुम बाहर जा सकते हो। और मैं बाहर आ गया।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“किसी भी चीज के बारे में जानना, समझना, उस पर सोचना ज्ञान है कि उसे हिंदी या अँग्रेजी के माध्यम से जानना समझना ज्ञान है! भाई साहब! एक भाषा आपके द्वारा जाने और समझे गए बातों या ज्ञान को संप्रेषित करने, व्यक्त करने का माध्यम भर ही तो है ना!”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
“ये कोई ऐसी जगह होगी जहाँ लड़के रात-दिन कमरे में बंद बस पढ़ते होंगे। हर आदमी गंभीर होगा। लोग केवल किताब खाते और स्याही पीते होंगे। उन्हें लगता था कि हर आदमी शंकराचार्य की तरह सर मुड़ाए होगा या रवींद्रनाथ टैगोर की तरह दाढ़ी बढ़ाए होगा। यहाँ के शिक्षक गुरु द्रोण की भांति तेज से भरे होंगे। हर छात्र एक अर्जुन होगा और सब मछली की आँख फोड़ने के प्रयास में लगे होंगे। कुछ ऐसी ही कल्पनाओं से भरा होता था यहाँ आने वाले हर अभिभावक का मन।”
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
― Dark Horse । डार्क हॉर्स (21वीं सदी की हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब)
