Sevasadan Quotes

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Sevasadan Sevasadan by Munshi Premchand
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Sevasadan Quotes Showing 1-4 of 4
“जिस प्रकार विरले ही दुराचारियों को अपने कुकर्मों का दंड मिलता है, उसी प्रकार सज्जनता का दंड पाना अनिवार्य है।”
Munshi Premchand, Sevasadan
“छोटे विचार पवित्र भावों के सामने दब जाते हैं।”
Munshi Premchand, Sevasadan
“युवाकाल की आशा पुआल की आग है जिस के जलने और बुझने में देर नहीं लगती.”
Munshi Premchand, Sewa Sadan
“विट्ठलदास—यह भी तुम्हारी भूल है। तुम यहाँ चाहे और किसी की गुलाम न हो, पर अपनी इंद्रियों की गुलाम तो हो? इंद्रियों की गुलामी उस पराधीनता से कहीं दुःखदायिनी होती है। यहाँ तुम्हें न सुख मिलेगा, न आदर। हाँ, कुछ दिनों भोग-विलास कर लोगी, पर अंत में इससे भी हाथ धोना पड़ेगा। सोचो तो, थोड़े दिनों तक इंद्रियों को सुख देने के लिए तुम अपनी आत्मा और समाज पर कितना बड़ा अन्याय कर रही हो?”
Munshi Premchand, Sevasadan