आई डोन्ट लाइक यू Quotes
आई डोन्ट लाइक यू
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Vandana Yadav3 ratings, 5.00 average rating, 0 reviews
आई डोन्ट लाइक यू Quotes
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“मासूमियत और बेफिक्री के दौर का नाम है बचपन। यही समय जीवन का सबसे समृद्ध समय भी है जब बच्चों का छल-कपट और चिंताओं से कोई वास्ता नहीं होता।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“पापा का देर रात तक रेडियो पर 'हवामहल' सुनना मुझे याद है। रात के आर जे की बातों पर हम सबका हँसना, उन रातों की रौनक बढ़ा देता था। ऐसी ही एक रात को एमरजेंसी के बाद चुनाव परिणाम घोषित हुए थे। निर्णायक परिणाम आ चुका था। इंदिरा गाँधी चुनाव हार गई थी और इस घोषणा के साथ रेडियो ने गाना बजाया, 'सबेरे वाली गाड़ी से चले जाएंगे, कुछ ले के जाएंगे, कुछ दे के जाएंगे, सवेरे वाली गाड़ी...”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“मेरी उच्च शिक्षित और आत्मनिर्भर माँ जानती थी कि महिलाएं किसी भी पद पर पहुंच जाएं, घर-बार उन्हें खुद ही सम्हालना होगा इसीलिए माँ की ट्रेनिंग हर समय निर्बाध चलती रहती थी। हाँ, पापा के साथ खड़े होने के लिए मैं एक मजबूत कंधा बनने की कोशिश करती रहती थी।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“मेरा गांव अपनी काली मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है। धोरों में खेलते हुए कभी कपड़ों पर मिट्टी लग जाती थी तो झाड़ दो और सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। काली मिट्टी के साथ ऐसा नहीं है। इसे दोमट मिट्टी के नाम से भी पहचाना जाता है। यह चिकनी होती है और एक बार आप फिसल कर गिर जाएं तो चोट ठीक हो सकती है मगर माटी का रंग नहीं छूटेगा। यह रंगरेज का पक्का रंग है जो छुटाए ना छूटे। मेरे गांव की मिट्टी को काला सोना भी कहते हैं।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“बचपन की यादें, बचपन की समझ लिए रहती हैं। बादमें उनपर जितने रंग चढ़ाओ मगर वे तो उस रंगरेज को अपनी स्मृति सौंप चुकी होती हैं, जो पक्के रंग चढ़ाने में माहिर है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“कोई भी चीज अचानक, एक दिन नहीं बदलती। बदलाव हमेशा धीरे-धीरे ही आते हैं।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“मुझे उस संस्था को अपना हिस्सा लौटाने का मौक़ा मिला जिसने मेरे जीवन को नई पहचान दी। यह मेरे लिए हर दिन बहुत कुछ नया सीखने का समय बन गया। सैनिक परिवारों की परेशानियां, अकेली महिलाओं के जीवन की जद्दोजहद, उनकी काउंसलिंग, वोकेशनल ट्रेनिंग के बाद हमारी महिलाओं के लिए रोजगार की तलाश में सिविल सेक्टर से बातचीत में मदद करने जैसे अनगिनत काम...”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“अच्छाई देर में पहुँचती है मगर बुराई हवाओं पर यात्रा करती है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“ऐसा क्यों है कि अंधेरे में सुबह चार बजे मम्मी के साथ मैं, कुएं के ठंडे पानी से नहाने जाती हूँ। कार्तिक का महीना बहुत ठंड लिए रहता है। ऐसे में सारी तपस्या सिर्फ महिलाएं क्यों कर रही हैं? पापा और पापा की तरह सब पुरूष रजाई में क्यों सो रहे हैं? क्या उन्होंने कोई पाप नहीं किए? जवाब में परंपराओं का हवाला दे दिया जाता था। मुझे फक्र होता है उस शीक्षा पर, सवाल पूछने के अधिकार के उपयोग पर जो हमें सहज उपलब्ध था।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जहां रौब दिखाना हो, वहां बाराती बनकर आदमी पहुंच जाते हैं लेकिन जहां शरीर को तकलीफ देनी हो, जहां परीक्षा की सूली पर चढ़ना हो, वहां महिलाओ को आगे कर दिया जाता है। हमारी मासूम कौम पीढ़ी दर पीढ़ी इस राह पर आगे बढ़ती चली जा रही है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“मैं देखती थी कि किस तरह मेरे गाँव की महिलाएं खेतों में काम करते हुए और ससुराल में पशुओं का ध्यान रखने में जीवन बिता देती हैं। यह पशु और खेत उनके नाम होते भी नहीं। घर की बहुएं दिन-रात बंधुआ मजदूर की तरह काम करती हैं। शादी होना यानी बिना तनख्वाह के घर, खेत में काम करने वाली मिल जाना क्योंकि गांव-देहात में महिलाएं पहनने के कपड़े भी अपने मायके से लेकर आती हैं। उस समय तक बस इतना ही शोषण समझ आता था।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“तुम जितना मिट्टी से खेलेगी, उतनी ही मजबूत बनोगी। माटी तुम्हें अपने जैसा बना देगी। देखो, भोजन पकाने का तापमान धातु सहन कर सकती है मगर मजबूत से मजबूत धातु को पिघलने के लिए मिट्टी के बर्तन का प्रयोग किया जाता है। यानी हमेशा सरल बनी रहना मगर मजबूती सबसे अधिक रखना। ऐसा तभी होगा जब तुम माटी का स्वभाव समझने लगोगी।" पापा ने कहा था।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“बदलाव की पहली शर्त है आवाज़ उठाना।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“याद आता है बेमकसद नहर की पुलिया पर बैठना, खेतों में घूमना। मई-जून की गर्मी में गांव का जीवन और दिसंबर-जनवरी की रातों में खेतों की रखवाली करते किसान। वो गिलास भरकर छाछ पीना, थाली में रात की ठंडी रोटी के साथ पानी वाली हरी मिर्च और ताजा मक्खन, बाजरे की खिचड़ी में ढ़ेर सारा अलूणा घी... जिस तरह बचपन नहीं रहा, अब वे दिन भी नहीं रहे।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जूआ खेलने का सदियों पुराना सामाजिक मान्यता प्राप्त नाम है खेती। इसमें किसान प्रकृति पर दांव लगाता है। सफल हुआ तो रोटी का प्रबंध हो गया, हार जाए तो अगली फसल पर फिर से दांव खेलता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“मूर्खता खास किस्म का गुण है जो बेवकूफी में वजन से थोड़ा ज्यादा होने की मांग करता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“पापा ने गलतियां करने से मुझे कभी नहीं रोका। उनका कहना था, 'जो करने जा रही हो, उसके परिणाम के बारे में सोचना। यदि तुम्हें यक़ीन हो जाता है कि तुम जो करने जा रही हो, वह बिल्कुल ठीक है, तब उसे ज़रूर करना। यदि निर्णय पर शक हो, तब बिल्कुल मत करना।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“कुछ लोगों के लिए नियम तोड़ना जैसे उनके अभिमान को तुष्ट करने का काम करता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“गांव में जितना विश्वास होता है, उतना ही अंधविश्वास भी फैला रहता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“अल्पज्ञानी होने के अपने सुख हैं। जब तक किसी चीज का ज्ञान ना हो, आपके समूचे व्यक्तित्व पर श्रेष्ठता का भाव छाया रहता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जीवन एक ही बार मिला है, इसे जी भर कर जी लो। ज़िंदगी का आनंद लेना है तो समाज से बेपरवाह रहो।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“इंसानी इतिहास बताता है कि कुत्ते के साथ स्वामिभक्ति जुड़ी हुई है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“जिस वक्त प्राणी जिंदा रहने के लिए जान की बाजी लगाता है, उसकी देह संघर्ष के इत्र से महक रही होती है। ऐसे महकते हुए मेहनती लोग एक-दूसरे की इज्ज़त करना जानते हैं।”
― आई डोन्ट लाइक यू
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“संवेदनशील लोग अक्सर जहां होते हैं, वहां नहीं होते।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“घटनाक्रम मानसिकता पर निर्भर करता है। जब हम खुश हों तो क्यारियों में खिले फूल भी खुशी देते हैं। इसके उलट परेशानी के दौर में वही फूल मेहनत और संघर्ष के लंबे दौर का छोटा-सा परिणाम लगने लगते हैं।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जो बाहर दिखाई देता है, उसका इलाज बाहरी तौर पर किया जाता है मगर जो भावनाओं की तह पर चल रहा होता है, उसके लिए भावनात्मक युद्ध लड़ने पड़ते हैं। अपने दर्द और खालीपन से खुद अकेले जूझना होता है तब कहीं जाकर तकलीफ से बाहर निकलने का रास्ता मिलता है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जब इंसान के पास रिश्ते होते हैं, वह उनकी क़ीमत समझ नहीं पाता मगर जब वह समय बीत जाता है और रिश्ते दूर हो जाते हैं, तब इंसान को उसकी कद्र होने लगती है। यही उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“जब तक इंसान किसी अभाव में ना रहा हो, तब तक किसी के खो जाने की अहमियत उसे पता नहीं लगती।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“फौज अनिश्चितता का दूसरा नाम है। यहाँ का जीवन 'अचानक कुछ भी हो सकता है' या 'हालात कभी भी बदल सकते हैं' के सिद्धांत पर काम करता है। यहाँ मौसम से ज्यादा हालात बदलते हैं।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
“फौजियों के जीवन को एक बात सबसे अलग बनाती है कि हम किसी स्थान को सैलानी की तरह नहीं, स्थायी निवासी की तरह देखते हैं। अढ़ाई-तीन वर्ष के लिए किसी जगह पर स्थायी निवासी की तरह रहना और फिर नई जगह पर वहां का बाशिंदा बन कर पहुँचना...।”
― आई डोन्ट लाइक यू
― आई डोन्ट लाइक यू
