विकास नारदा की कहानी 'साढ़े तीन परांठे' बड़ी ही रोमांचित और आकर्षक है। हालाँकि शुरू में बहुत बोरिंग और घमंडी है, परन्तु थोड़ी ही देर में बड़ी मज़ेदार हो जाती है।
विजया शर्मा की 'वाल्मीकि अभ्यारण्य' बड़ी ही उदासीन कहानी है, जिसका ना कोई सार है, ना ही कोई प्रभाव। बस मंदिर ही मंदिर हैं, जो कि बहुत आडंबर से परिपूर्ण लगती है।
— Jan 29, 2021 04:50PM
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