Harishankar Parsai > Quotes > Quote > प्रशांत liked it
“मैं ईसा की तरह सूली पर से यह नहीं कहता - पिता, उन्हें क्षमा कर। वे नहीं जानते वे क्या कर रहे हैं। मैं कहता - पिता, इन्हें हरगिज क्षमा न करना। ये कम्बख्त जानते हैं कि ये क्या कर रहे हैं।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
― विकलांग श्रद्धा का दौर
No comments have been added yet.
