विकलांग श्रद्धा का दौर Quotes
विकलांग श्रद्धा का दौर
by
Harishankar Parsai315 ratings, 4.31 average rating, 31 reviews
विकलांग श्रद्धा का दौर Quotes
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“मैं ईसा की तरह सूली पर से यह नहीं कहता - पिता, उन्हें क्षमा कर। वे नहीं जानते वे क्या कर रहे हैं। मैं कहता - पिता, इन्हें हरगिज क्षमा न करना। ये कम्बख्त जानते हैं कि ये क्या कर रहे हैं।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
― विकलांग श्रद्धा का दौर
“भरत ने कहा - स्मगलिंग तो अनैतिक है। पर स्मगल किए हुए सामान से अपना या अपने भाई-भतीजे का फायदा होता है, तो यह काम नैतिक हो जाता है। जाओ हनुमान, ले जाओ दवा।
मुंशी से कहा - रजिस्टर का पन्ना फाड़ दो।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
मुंशी से कहा - रजिस्टर का पन्ना फाड़ दो।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
“हीनता के रोग में किसी के अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगर होता है।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
― विकलांग श्रद्धा का दौर
“बड़े कठोर आदमी है। शादी -ब्याह नहीं किया। न बाल - बच्चे। घूस भी नहीं चलेगी।”
― विकलांग श्रद्धा का दौर
― विकलांग श्रद्धा का दौर
