विकलांग श्रद्धा का दौर Quotes

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विकलांग श्रद्धा का दौर विकलांग श्रद्धा का दौर by Harishankar Parsai
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“मैं ईसा की तरह सूली पर से यह नहीं कहता - पिता, उन्हें क्षमा कर। वे नहीं जानते वे क्या कर रहे हैं। मैं कहता - पिता, इन्हें हरगिज क्षमा न करना। ये कम्बख्त जानते हैं कि ये क्या कर रहे हैं।”
Harishankar Parsai, विकलांग श्रद्धा का दौर
“भरत ने कहा - स्मगलिंग तो अनैतिक है। पर स्मगल किए हुए सामान से अपना या अपने भाई-भतीजे का फायदा होता है, तो यह काम नैतिक हो जाता है। जाओ हनुमान, ले जाओ दवा।

मुंशी से कहा - रजिस्टर का पन्ना फाड़ दो।”
Harishankar Parsai, विकलांग श्रद्धा का दौर
“हीनता के रोग में किसी के अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगर होता है।”
Harishankar Parsai, विकलांग श्रद्धा का दौर
“बड़े कठोर आदमी है। शादी -ब्याह नहीं किया। न बाल - बच्चे। घूस भी नहीं चलेगी।”
Harishankar Parsai, विकलांग श्रद्धा का दौर