(?)
Quotes are added by the Goodreads community and are not verified by Goodreads. (Learn more)
आचार्य चतुरसेन

“मैं पूर्व विदेह की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा महापद्म की पुत्री जयन्ती हूं; मेरे पिता ने मुझे इस महात्मा को प्रदान कर दिया था, परन्तु इस इन्द्रिय-विजयी ने स्वीकार नहीं किया। यह महातपस्वी, उग्र ब्रह्मचारी, घोर व्रत और दिव्य शक्तियों का प्रयोक्ता है। इसे क्रुद्ध या असन्तुष्ट न करना नहीं तो यह तुम सब ब्राह्मणों को अपने तेज से जलाकर भस्म कर डालेगा।”

आचार्य चतुरसेन, वैशाली की नगरवधू [Vaishali ki Nagarvadhu]
Read more quotes from आचार्य चतुरसेन


Share this quote:
Share on Twitter

Friends Who Liked This Quote

To see what your friends thought of this quote, please sign up!

0 likes
All Members Who Liked This Quote

None yet!



Browse By Tag