Himanshu Shah

72%
Flag icon
धर्म पहुँचना नहीं, धर्म तो जीवन भर चलने में है। फैला कर पथ पर स्निग्ध ज्योति दीपक समान जलने में है। यदि कहें विजय, तो विजय प्राप्त हो जाती परतापी को भी, सत्य ही, पुत्र, दारा, धन, जन; मिल जाते हैं पापी को भी।
Himanshu Shah
Dharma is not tradition; it's a way of life
रश्मिरथी
Rate this book
Clear rating