Himanshu Shah

61%
Flag icon
“जीवन-सरिता की बड़ी अनोखी गति है, कुछ समझ नहीं पाती मानव की मति है। बहती प्रचण्डता से सबको अपनाकर, सहसा खो जाती महासिन्धु को पाकर।
रश्मिरथी
Rate this book
Clear rating