Akash

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“ऐसा है तो मनुज-लोक, निश्चय, आदर पायेगा, स्वर्ग किसी दिन भीख माँगने मिट्टी पर आयेगा। किन्तु, भाग्य है बली, कौन किससे कितना पाता है, यह लेखा नर के ललाट में ही देखा जाता है।
रश्मिरथी
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