Akash

68%
Flag icon
“कल तक था पथ शान्ति का सुगम, पर, हुआ आज वह अति दुर्गम, अब उसे देख ललचाना क्या? पीछे को पाँव हठाना क्या? जय को कर लक्ष्य चलेंगे हम, अरि-दल का गर्व दलेंगे हम।
रश्मिरथी
Rate this book
Clear rating