Akash

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“नहीं पूछता है कोई, तुम व्रती, वीर या दानी हो? सभी पूछते मात्र यही, तुम किस कुल के अभिमानी हो? मगर, मनुज क्या करे? जन्म लेना तो उसके हाथ नहीं, चुनना जाति और कुल अपने बस की तो है बात नहीं।
रश्मिरथी
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