Akash

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“एक विनय है और, आप लौटें जब अमर भुवन को, दे दें यह सूचना सत्य के हित में, चतुरानन को। ‘उद्वेलित जिसके निमित्त पृथ्वीतल का जन-जन है, कुरुक्षेत्र में अभी शुरू भी हुआ नहीं वह रण है।
रश्मिरथी
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