Akash

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सेना समग्र हुङ्कार उठी, ‘जय-जय राधेय!‘ पुकार उठी, उल्लास मुक्त हो छहर उठा, रण-जलधि घोष में घहर उठा, बज उठी समर-भेरी भीषण, हो गया शुरू संग्राम गहन।
रश्मिरथी
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