Akash

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“फिर कहता हूँ, नहीं व्यर्थ राधेय यहाँ आया है, एक नया सन्देश विश्व के हित वह भी लाया है। स्यात्, उसे भी नया पाठ मनुजों को सिखलाना है, जीवन-जय के लिए कहीं कुछ करतब दिखलाना है।
रश्मिरथी
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