Piyush Sharma

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“जब ध्यान जन्म का धरता हूँ, उन्मन यह सोचा करता हूँ, कैसी होगी वह माँ कराल, निज तन से जो शिशु को निकाल, धाराओं में धर आती है, अथवा जीवित दफनाती है?
रश्मिरथी
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