Piyush Sharma

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‘माना लिया था पुत्र, इसीसे प्राण-दान तो देता हूँ, पर, अपनी विद्या का अन्तिम, चरम तेज, हर लेता हूँ, सिखलाया ब्रह्मास्त्र तुझे जो, काम नहीं वह आयेगा, है यह मेरा शाप, समय पर उसे भूल तू जायेगा।”
रश्मिरथी
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