Piyush Sharma

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“और कहें यदि पूर्व जन्म के पापों का यह फल है, तो फिर विधि ने दिया मुझे क्यों कवच और कुण्डल है? समझ नहीं पड़ती, विरंचि की बड़ी जटिल है माया, सब-कुछ पाकर भी मैंने यह भाग्य-दोष क्यों पाया?
रश्मिरथी
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