Pratibha Pandey

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नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है, देता वही प्रकाश, आग में जो अभीत जलता है। आजीवन झेलते दाह का दंश वीर-व्रतधारी, हो पाते तब कहीं अमरता के पद के अधिकारी।
रश्मिरथी
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