“वह करतब है यह कि विश्व ही चाहे रिपु हो जाये, दगा धर्म दे और पुण्य चाहे ज्वाला बरसाये; पर, मनुष्य तब भी न कभी सत्पथ से टल सकता है, बल से अन्धड़ को धकेल वह आगे चल सकता है। “वह करतब है यह कि युद्ध में मारो और मरो तुम, पर, कुपन्थ में कभी जीत के लिए न पाँव धरो तुम। वह करतब है यह कि सत्य-पथ पर चाहे कट जाओ, विजय-तिलक के लिए करों में कालिख पर, न लगाओ।