Onkar Thakur

17%
Flag icon
“सूत-पुत्र मैं शूद्र कर्ण हूँ, करुणा का अभिलाषी हूँ, जो भी हूँ, पर, देव, आपका अनुचर अन्तेवासी हूँ।
रश्मिरथी
Rate this book
Clear rating