Anand Dubey

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“प्रभा-मण्डल! भरो झङ्कार, बोलो! जगत् की ज्योतियो! निज द्वार खोलो! तपस्या रोचिभूषित ला रहा हूँ, चढ़ा मैं रश्मि-रथ पर आ रहा हूँ।“
रश्मिरथी
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