anand  pathak

5%
Flag icon
तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतलाके, पाते हैं जग से प्रशस्ति अपना करतब दिखलाके। हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक, वीर खींचकर ही रहते हैं इतिहासों में लीक।
रश्मिरथी
Rate this book
Clear rating