इक्वोडो

‘मिरोव’ ‘ओरियन’ और ‘विलाद’ के बाद ‘अर्ल्ज़वर्स’ के कांसेप्ट की चौथी और अंतिम कहानी ‘इक्वोडो’ के रूप में पेश है— यह पूरी कहानी आठ भाग में है और सभी भाग एक साथ ही प्रकाशित किये जा रहे हैं।


पिछली तीन कहानियों में और इक्वोडो में एक बेसिक फ़र्क यह है कि वे कहानियां पृथ्वी के अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी थीं तो उनके पहले पन्ने से ही समझा जा सकता था कि क्या चल रहा है— जबकि इक्वोडो में ऐसा नहीं है, तो इसे समझने के लिये यह समझना ज़रूरी है कि इसकी कहानी सीधे यूनिवर्स के दूसरे ग्रहों से शुरू होती है, जहां-अलग-अलग तरह की इंटेलिजेंट लाईफ़ मौजूद है।


यूं तो इस कांसेप्ट की पहली कहानी ‘मिरोव’ भी तीसरे भाग में पृथ्वी से हट कर शैडो यूनिवर्स में शिफ्ट हुई थी, लेकिन चूंकि उसकी शुरुआत पृथ्वी के वर्तमान से हुई थी तो जब तक कहानी पृथ्वी से हटी थी, तब तक पाठक कहानी से कनेक्ट हो चुके थे और इसलिये किरदारों के साथ एकदम अलग यूनिवर्स में पहुंच जाना अटपटा नहीं लगा था— जितना इक्वोडो में लग सकता है।


‘इक्वोडो’ की शुरुआत ही खुले यूनिवर्स से होती है— जहां 'थ्य ओ राॅन' के रूप में एक नई ताक़त सामने आती है, जो सीधे ईश्वर होने का दावा करता है, और इसके पक्ष में वह कई तरह की शक्तियों का प्रदर्शन भी करता है। जो अब यूनिवर्स में मौजूद हर तरह के जीवन को अपने कंट्रोल में ले कर अपने तरीके से चलाना चाहता है, जहां किसी भी सुप्रीम क्रीचर के पास बस नाम की और कंडीशनल फ्री विल होगी और सभी ज्यादातर जीवन किसी रोबोट की तरह नियंत्रण के साथ जियेंगे— जिनके पास इंसानों जैसी वह छूट बिलकुल नहीं होगी कि वह मनमाने तरीकों से जीवन जीते हुए अपने ही प्लेनेट को तबाह कर लें।


कहानी की शुरुआत ऐसे ग्रहों से होती है— जो वूडर्स या हेलिडर्स के बनाये हैं। हेलिडर के बसाये प्लेनेट की मूल प्रजाति फिएंडर्स की है, जो कि हेलिडर्स की रचना हैं— यानि वही प्राणी, जो ‘ओरियन’ और ‘विलाद’ में जाॅगर्स और हेलब्रीड्स यानि शैतान के रूप में सामने आ चुके हैं। 'इक्वोडो' की शुरुआत ही इन बाहरी जीवों से होती है, जो अपनी प्रजाति को फिएंडर्स के रूप में पहचानते हैं। एक इंसान की नज़र से हम कह सकते हैं कि इक्वोडो की कहानी यूनिवर्स और एलियंस के साथ शुरू होती है।


अब इस कहानी को समझने के लिये ओरियन और विलाद में परोसे गये ‘अर्ल्ज़वर्स’ के कांसेप्ट को वापस याद करते हैं… एक सिस्टम है, उसमें बाकी सब दूसरे एप्स हैं, करोड़ों तरह की फाइलें हैं— लेकिन इस सिस्टम में एक वायरस है, जिससे जूझने के लिये, उसे रोकने या ख़त्म करने के लिये एक एंटी-वायरस इंस्टाल किया जाता है… ऐसे में इसे ऐसे समझिये कि यह पूरा यूनिवर्स, इसमें शामिल सभी तत्वों समेत वह सिस्टम है, जिसमें हेलिडर वायरस की और वूडर या इक्वोडियंस एंटी-वायरस की हैसियत रखते हैं। हालांकि यह पूरी तस्वीर का बस एक पहलू है।


इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी शोमार नाम के क्रियेटर ने इस पूरी सृष्टि को रचा है— और किसी अननोन कारण से इसमें सुर-असुर, दोनों तरह की शक्तियों को मौजूद रखा है, यह अच्छाई और बुराई का प्रतीक हैं, अंधेरे और उजाले का प्रतीक हैं, सृजन और विनाश का प्रतीक हैं। जितना एक ज़रूरी है, उतना ही दूसरा ज़रूरी है— बिना एक के, दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं। जैसे न बिना रात के दिन का कोई अस्तित्व है और न बिना दिन के रात का। एक के होने के लिये ही दूसरे का होना ज़रूरी है और जब दोनों होंगे, तभी सृष्टि होगी।


अब हम इंसान एक पाले में आते हैं, जिनके लिये शोमार सृष्टि का पालनहार है, वूडर्स उसके बनाये फरिश्ते हैं, जो यूनिवर्स भर में जीवन का सृजन करते हैं— और इस सृष्टि में हेलिडर्स शैतान हैं, जिन्हें खुला छोड़ा गया है, वूडर्स से ज्यादा शक्तियों से लैस किया गया है, ताकि वे हम सभी का इम्तहान ले सकें… क्योंकि उनसे मिलने वाली अपने विनाश की चुनौतियां और प्रतिक्रिया में इससे उत्पन्न जीजिविषा ही हमें सर्वाइवल के पैमाने पर टिकने लायक मज़बूत बनायेगी।


लेकिन इन सारी बातों के बावजूद, तस्वीर के इस पहलू में यह मात्र एक पक्ष का सच है— दूसरे पक्ष की मान्यता क्या है? इक्वोडो का पहला भाग इसी पक्ष को सामने रखता है और यह अंतर समझ में आता है कि हर चीज़ को देखने का सभी का नज़रिया अलग होता है— जहां इंसान सबकुछ इक्वोडियंस की नज़र से देखते हैं, और उनकी दुनिया में हेलिडर्स घिनौने, ख़तरनाक और शैतान होते हैं… ठीक इसके उलट फिएंडर और हेलिडर की नज़र में वूडर्स शैतान थे, जबकि उनके बनाये इंसान बस गंदे, तुच्छ कीड़े सरीखे जीव।


तो इस कांसेप्ट को समझने के लिये फिएंडर को समझना भी उतना ही ज़रूरी है, जितना हेलिडर्स की फिलाॅस्फी। जैसे वूडर्स शोमार की बनाई एक शक्ति थे और वे जीवन पनपने लायक अलग-अलग ग्रहों पर विविधता भरे जीवन का सृजन करते थे— उनके लिये सैटन या हमन, कोई भी सर्वोपरि नहीं था, बल्कि उन्होंने जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिये ढेरों तरह के जीवों की रचना की थी… वहीं हेलिडर्स भी वही काम अपने तरीके से करते थे, लेकिन वे विविधता के पैरोकार नहीं थे, तो उनका बनाया जीवन सभी ग्रहों पर एक ही रूप में पनपता था और अपने अंश से अपने ही जैसे जो जीव वे बनाते थे, वे फिएंडर कहलाते थे। पृथ्वी पर इन्हीं जीवों को 'ओरियन' में ‘जाॅगर्स’ की संज्ञा दी गई थी।


इक्वोडो में वूडर्स और हेलब्रीड्स से हट कर नया इस यूनिवर्स में ‘थ्य ओ राॅन’ का प्रवेश है— जो बाकी दोनों शक्तियों से अलग हैं, असल में वह ईश्वर होने का दावा करता है और किसी भी प्लेनेट के सुप्रीम क्रीचर के डिजाइन में व्याप्त उसकी डिफाॅल्ट त्रुटियों को दूर कर के एक बेहतर जीव और बेहतर प्लेनेट्स बनाना चाहता है और उसकी कोशिशों में उसके सबसे बड़े दुश्मन खुद वूडर्स और हेलब्रीड्स हैं— जिनसे निपटने के साथ ही वह अपने सफ़र की शुरुआत करता है और उन्हें सीमित करने में कामयाब रहता है।


अपने देवत्व को स्थापित करने और अपनी स्वीकार्यता पाने के लिये वह दो आकाशगंगाओं को पूरी तरह तबाह कर देने वाली एक गैलेक्टिक जंग को चुनता है— जिसके तीन पक्ष होते हैं, एक हेलब्रीड्स के बनाये फिएंडर्स से भरी गैलेक्सी नेलिडो, दूसरे वूडर्स के बनाये इंसानों के सदृश जीवों से भरी ससेन गैलेक्सी और तीसरे विलुप्त हो चुके वूडर्स, जो पृथ्वीवासियों जैसे अगवा किये जीवों के सहारे अपनी पुनर्स्थापना की कोशिश में लगे थे।


थ्य ओ राॅन उस जंग से जुड़े अहम किरदारों के अतीत में घुसपैठ कर के उनके साथ घटी घटनाओं को मैनीपुलेट करता है, जिससे इस गैलेक्टिक जंग के परिणाम बदलें और न सिर्फ़ एक बड़ी तबाही टल जाये— बल्कि इस बहाने उसे एक झटके से हज़ारों उन्नत सभ्यताओं के बीच ईश्वर के तौर पर स्थापित होने का मौका भी मिले। उसके चुने सभी मोहरे भयंकर किस्म के संघर्षों में उलझे थे, जहां अब थ्य ओ राॅन का हस्तक्षेप अपना प्रभाव पैदा करता है और चीज़ें बदलनी शुरू होती हैं— लेकिन क्या जंग का वास्तविक परिणाम भी बदल पायेगा?

Ikwodo Chapter 1: The Rise of Thya O Ron
Ikwodo Chapter 2: Planet of the Dead
Ikwodo Chapter 3: Cosmic Insurgents
Ikwodo Chapter 4: The Mysterious World of Lenor
Ikwodo Chapter 7: Battle of the Galaxies
Ikwodo Chapter 8: The Final Apocalypse
 •  0 comments  •  flag
Share on Twitter
Published on October 14, 2025 07:50 Tags: books-by-ashfaq-ahmad
No comments have been added yet.


Lafztarash

Ashfaq  Ahmad
A Beautiful Sea of endless words, where you can get all kinds of articles related to social, political, religion, knowledge and science-based various types with short stories and poetry.
Follow Ashfaq  Ahmad's blog with rss.