सहमे हुए लोगों का महोल्ला

सहमे हुए लोगों का महोल्ला है
न डरका अता हे न दुश्मन का पता है
सहमे हुए लोगो का महोल्ला है
बगीचे का हर फुल सहमा हुआ है
खीलने से डरता है न कुछ भी करता है
बगीचे का हर फुल सहमा हुआ है
बादल गरजने से डरते है
पानी बरसाते नहीं बाढ़ लाते नहीं
बादल गरजने से डरते है
समय आगे बढने से डरता है
रुका हुआ सा रहता है अजीब सा बहता है
समय आगे बढने से डरता है
ना कोई समस्या है ना चेतावनी
भयभीत है हर अनकही कहानी
कमी नहीं कोई हर चीज है सुहानी
भयावह क्युं है सब जीम्मेदारी?
हमही बंदर और हमही है मदारी?
Published on April 08, 2023 20:16