सूरज से गुफ्तगू #28

बिन मांगी जलन है
एक तूफान, एक सैलाब भी है
रोज तुजसे पूछना चाहती हु, पर भूल जाती हूँ
तू है तो सही पर इतना दूर दूर कयों हैं

Read More: सूरज से गुफतगू #27

 •  0 comments  •  flag
Share on Twitter
Published on December 06, 2020 23:24
No comments have been added yet.