वो अटल

वो अटल था वो  रहेगा अटल भीनी मुसकान चरम मनोबल  काल के कपाल पर वो लिखता था  लिखता था और मिटाता था  वो डरता नहीं ना डराता था  सबको बस मितर बना जाता था  जिनदादिल रही उसकी जिंदगी  मौत को भी सखा बना डाला  काल अपने को फिर दोहराये  कपाल पर फिर लेखनी चलाये  और उसे फिर कोई मिटाये  वो अटल होगा वो  रहेगा अटल Poems
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Published on August 17, 2018 06:58
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