शिवाय Quotes

Rate this book
Clear rating
शिवाय शिवाय by Deeksha Tripathi
9 ratings, 4.89 average rating, 9 reviews
शिवाय Quotes Showing 1-4 of 4
“अर्धनारीश्वर का रूप ले,

शिव शक्ति ने दिया संदेश,

नर नारी के प्रेम,

सुख दुख में भागीदारी का.

एक शरीर के दो अंग वो,

एक सत्य के दो रूप वो,

एक साथ ही उनका अस्तित्व,

है मुमकिन.

बिन एक के,

अधूरा है दूसरा.”
Deeksha Tripathi, शिवाय
“शिव का अभिन्न अंग हैं नंदी,

शिव भक्त उन्हीं के कान में लगाएं अपनी अर्जी।

जहां शिव वहां नंदी

नंदी बिन शिव भक्ति अधूरी।

नंदी का ही तो दूसरा नाम है समर्पण व आस्था,

एवं शरणागत पर प्रेम व दया का नाम हैं नंदी नाथ।”
Deeksha Tripathi, शिवाय
“त्रिलोकपति महादेव के ध्यान मात्र से पवित्र हो उठे अंतरमन,

सच भाग्यशाली है नाग वासुकी जो विराजमान है उनकी ग्रीवा पर,

भाग्यवान है चंद्र जो सुशोभित है उनके मस्तक पर,

परंतु इनसे भी अधिक खुशकिस्मत है गंगा जो बहती है उनके घने केशों से”
Deeksha Tripathi, शिवाय
“हर सुर असुर मानव ने पाए दो नेत्र,

देखने समझने को ये रोचक जग,

जिसमें है छुपा छलावा हर पग,

किन्तु जो देख न पाए कोई देखे उसे त्रिनेत्र।”
Deeksha Tripathi, शिवाय