Antima Quotes

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Antima Antima by Manav Kaul
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Antima Quotes Showing 1-8 of 8
“शायद बच्चों का बड़ा होना जितना मां-बाप को खलता होगा, उतना ही बच्चों का मां-बाप को लगातार बूढ़े होते देखना । पर ये बचकानी बातें हम एक-दूसरे से कहते नहीं कि बडे़ मत हो या बूढ़े मत हो... हम बस एक-दूसरे से आंखें चुराने लगते हैं ।”
Manav Kaul, Antima
“वह बारिश के ही दिन थे जब मां नहीं रही थी । तब पूरा घर काटने को दौड़ता रहता था । मैं और मेरे पिता के बीच से मानो सारा सामान्य किसी ने उधेड़ दिया था । हम दोनों उधड़े स्वेटर से पूरे घर में बिखरे पड़े रहते । मैं उनके लिए क्या करूं और वो मेरे लिए क्या करें में हम दोनों एक-दूसरे को ताकते रहते ।”
Manav Kaul, Antima
“जीने की प्रक्रिया में हमेशा सवाल जमा होते रहते हैं । कुछ जवाब मिल जाते हैं, कुछ सवाल धुंधले पड़ जाते हैं, और कुछ आपके साथ, अपनी पूरी तीव्रता लिए रहने लगते हैं ।”
Manav Kaul, Antima
“जाने कितनी उम्र होगी इनकी ! जाने कितने लोगों का जाना इन्होंने देखा होगा ! शायद एक उम्र के बाद मृत्यु भी दैनिक जीवन का हिस्सा जान पड़ती होगी, जिसका घटना, दूध उबलकर गिर जाने जितना दुख देता होगा ।”
Manav Kaul, Antima
“प्रेम को लिखना, प्रेम को पा लेने की संरचना का ही हिस्सा है. तुम मेरे लिखे में अलग-अलग नाम लेकर आती रहोगी.”
Manav Kaul, Antima
“ख़ुद को व्यस्त रखने में एक अजीब-सा भारीपन है।”
Manav Kaul, Antima
“इस बार चाय की बजाय कॉफी बनाता हूं और पिता को फोन लगाता हूं । दूसरी तरफ से 'बेटा...' आवाज़ आती है । मैं इस आवाज़ के सुनते ही धंसने लगता हूं । कुछ देर कोई जवाब नहीं देता हूं ।”
Manav Kaul, Antima
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“पर मैं बार-बार उस बात पर वापस आता हूं कि मैं क्या हूं ? और इस दुनिया में मेरी भागीदारी क्या है ? सारे जवाब लगातार बदलते रहते हैं और लगातार एक असहायता घर करती जाती है । यह लड़ाई भीतर कभी ख़त्म नही होती कि हमारी भागीदारी का क्या मतलब है ? और वह कहां तक है ? इन सवालों के प्रति ईमानदारी बनाए रखने में हमारी सारी भागीदारी भी, समस्या की परिधि पर अपना दम तोड़ चुकी होती है ।”
Manav Kaul, Antima