कितने पाकिस्तान Quotes

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कितने पाकिस्तान कितने पाकिस्तान by Kamleshwar
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कितने पाकिस्तान Quotes Showing 1-14 of 14
“दोस्त ! कहीं से जाकर जिन्दगी को बुला लाओ...मैं कुछ देर जीना चाहता हूँ !”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“तुम कितनी मौत दे सकते हो ! वह कितनी मौत उठा सकता है ! जब तक दूसरा जीवित रहता है, पहला नहीं जीतता। मौत ही जय-पराजय को तय करती है।”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“–त्रास से मुक्त होने का महामार्ग है एक दूसरे में अटूट विश्वास...और संभावना के प्रति आस्था...सम्भावना की स्वीकृति...जो शक्तियाँ इसे नकारती हैं, वे सम्भावना विरोधी हैं...क्योंकि हर व्यक्ति के भीतर सम्भावना की एक अज्ञात ज्योति जल रही है...एक अखंड ज्योति...और संभावना ही सबसे बड़ा जीवन प्रयोग है जिसका आविष्कार खुद मनुष्य ने जीवन को निरन्तरता देने के लिए किया है !”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“हमें मृत्यु के बदले जीवन को तलाशना होगा अदीब !”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“रूपगर्विता हृदयहीना ! जा...पत्थर की शिला बन जा”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“पछताने की ताकत रखनेवाली संस्कृतियाँ ही जीवित रहती हैं...और वे जीवित संस्कृतियाँ ही सभ्यताओं के रूप में स्थापित हो पाती हैं।”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“किताब कोई न कोई रास्ता दिखाती है, लेकिन हर दौर अपनी किताब लिखना चाहता या लिखवाता है...इसलिए हर सच्ची किताब झूठी बन जाती है और हर झूठ सच बन जाता है”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो, ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो...”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“हाइड्रोजन”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“कुछ अनकहे धुंधले-से अक्स स्मृतियों में उलझे रह जाते हैं, जो न घटते हैं न बढ़ते हैं। बस, पानी के दाग़ की तरह वजूद के लिबास पर नक्श हो जाते हैं।”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“–गरीबी और भूख की कोई नस्ल नहीं होती !”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“–ठीक है, ठीक है। अब मर गए हो तो चैन से बैठो...जिन्दा रहने के लिए बड़ी मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं,”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“रूह कुछ बोली तो नहीं, लेकिन उसका वहाँ होना ही बोलना था...”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान
“तहजीब के तहत इन्सान फिर भी एक दुसरे के लिए सहिष्णु और एक होने कि कोशिश में कामयाब हो सकता है, लेकिन इंसान का ईश्वर कभी एक नहीं हो सकता !”
Kamleshwar, कितने पाकिस्तान