Aughad / औघड़ Quotes
Aughad / औघड़
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Nilotpal Mrinal687 ratings, 4.37 average rating, 102 reviews
Aughad / औघड़ Quotes
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“भाग्य तो बस कच्चा माल है। कर्म ही उसे पकाने वाला ईंधन है। मान लो तुम्हारे घर में चावल है लेकिन अगर उसे चूल्हे पर चढ़ा बनाया नहीं तो बोरी में रखे-रखे चावल में एक दिन घुन लग जाएगा। भाग्य वही चावल है, अगर कर्म का चूल्हा जला के न बनाओ तो कितना भी भाग्य हो, उसमें घुन लग जाएगा।”
― Aughad
― Aughad
“पेय पदार्थों में दारू सबसे समाजवादी और समतामूलक चरित्र का होता था। शायद यही कारण है कि दारू हमेशा से मार्क्सवादियों, समाजवादियों में सबसे प्रिय पेय रहा था। यही एक ऐसा पेय था जिसे पीने के बाद आदमी का दिमाग चाहे जितना आसमान उड़े पर शरीर अक्सर जमीन से जुड़ा, जमीन पर लेटा हुआ मिलता था। जमीनी ड्रिंक था दारू। दारू बड़े और छोटे का फर्क मिटा देता था।”
― Aughad
― Aughad
