October Junction (Preview Edition) Quotes

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October Junction (Preview Edition) (Hindi Edition) October Junction (Preview Edition) by Divya Prakash Dubey
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“हमारी दो ज़िन्दगियां होती हैं. एक जो हम हर दिन जीते हैं, दूसरी जो हम हर दिन जीना चाहते हैं.”
Divya Prakash Dubey, October Junction (Preview Edition)
“कोई लड़की या लड़का अगर पूछे कि क्यों मिलना है और सामने वाला अगर उसका बिलकुल ठीक-ठीक जवाब दे दे तो उससे कभी नहीं मिलना चाहिए। अगर कोई बोले कि ‘मिलकर देखते हैं’, उससे जरूर मिलना चाहिए। मिलकर देखने में एक उम्मीद है कुछ ढूँढ़ने की, थोड़ा रस्ता भटकने की, थोड़ा सुस्ताने की। उम्मीद इस बात की भी कि नाउम्मीदी मिले लेकिन इतना सोच-समझकर चले भी तो क्या खाक चले!”
Divya Prakash Dubey, अक्टूबर जंक्शन
“सब कुछ मिल जाने से कुछ भी नहीं मिलता। हम जिस कहानी का हिस्सा हैं उसे शायद कोई लेखक कभी मिले ही नहीं। यही शायद इस दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैजिडी है कि हमारी कहानी सुनाने वाला कोई होगा ही नहीं। कोई कभी जान ही नहीं पाएगा कि हमारे मन में आखिर था क्या। हम थे कौन ये सवाल हमारे साथ ही चला जाएगा। कुछ लोग बोल देंगे कि बड़े अच्छे आदमी थे या बड़ी अच्छी औरत थी, बस। बस सबकी कहानी इतनी ही है।”
Divya Prakash Dubey, अक्टूबर जंक्शन
“हमारी दो जिंदगियां होती हैं
एक जो हम हर दिन जी रहे हैं
दूसरी जो हम हर दिन जीना चाहते हैं”
Divya Prakash Dubey, October Junction (Preview Edition)
tags: life
“कई बार थोड़ी देर के लिए चले जाना बहुत देर के लिए लौट आने की तैयारी के लिए बहुत जरूरी होता है।”
Divya Prakash Dubey, अक्टूबर जंक्शन