Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant Quotes
Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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Ashok Kumar Pandey10 ratings, 4.50 average rating, 0 reviews
Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant Quotes
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“नब्बे की नवउदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद एक तरफ़ तो सार्वजनिक क्षेत्र के कई महत्त्वपूर्ण उपक्रम बंद हो गए, जहाँ कभी वाम दलों की मज़बूत ट्रेड यूनियनें हुआ करती थीं, दूसरी तरफ़ नए खुले निजी क्षेत्र के उपक्रमों में श्रम क़ानूनों में सुधार के चलते ट्रेड यूनियन गतिविधियाँ असंभव बना दिए जाने से संसदीय वाम के प्रभाव और प्रसार दोनों में कमी आई है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“मार्क्स अपने समय में सर्वाधिक घृणित और सर्वाधिक परित्यक्त इंसान रहे। निरंकुश और रिपब्लिकन दोनों सत्ताओं ने उन्हें अपने क्षेत्र से निर्वासित किया।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“उन्होंने सैद्धांतिक विज्ञान के क्षेत्रों में नई खोजों का स्वागत किया जिनकी व्यावहारिक क्रिया की समझ शायद अभी तक असम्भव रही थी।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“दो नारे उत्कीर्ण किये गए, पहला—‘दुनिया के मज़दूरों एक हो’ और दूसरा—‘अभी तक दार्शनिकों ने भिन्न-भिन्न तरीकों से दुनिया की व्याख्या की है, सवाल दुनिया को बदलने का है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“माता-पिता का ख़याल रखने के लिए एलीनोर अपनी नौकरी छोड़कर घर लौटीं तो पाया कि आर्थिक मुश्किलात के विदा होते ही अब रोगों ने मार्क्स परिवार में घर जमा लिया था। जीवन भर मार्क्स का साथ देने वाली जेनी भी अब थक रही थीं। जेनी के बारे में एंगेल्स ने लिखा है, ‘वह अपने पति के भाग्य, उनके प्रयत्नों और संघर्ष के दुःख-सुख को ही नहीं बाँटती थीं बल्कि पूरी चेतना और प्रबल उमंग के साथ उनकी सभी कार्यवाहियों में हिस्सेदारी करती थीं। उन्हें कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया था।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“इस अध्ययन के लिए मार्क्स ने पूँजी के अभूतपूर्व संकेन्द्रण तथा केन्द्रीयकरण, एकाधिकार की प्रवृत्ति, बड़ी-बड़ी शेयर कंपनियों तथा बैंकों की भूमिका की तरफ़ ध्यान दिया। बैंक अब उत्पादन और व्यापार में न सिर्फ़ हस्तक्षेप कर रहे थे बल्कि नियंत्रणकारी की हैसियत की ओर बढ़ रहे थे।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“इंटरनेशनल क्रांति का एक विशाल इंजन है न कि बहसबाज़ी का अड्डा। इसका गठन सुहाने सिद्धांतों के लिए नहीं संघर्ष के लिए हुआ है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“मार्क्स के सिद्धांतों में सबसे केंद्रीय तथा बहुमूल्य सिद्धांत, ‘श्रमिक वर्ग की मुक्ति उनके द्वारा ही प्राप्त की जाएगी”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“क्रांति के दौरान तथा बाद में भी लगातार वर्ग संघर्ष चलाकर पुरानी व्यवस्था के मूलाधारों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाए अन्यथा समाजवादी राज्य के थोड़ा-सा कमज़ोर या शिथिल पड़ते ही ये पुराने झाड़-झंखाड़ फिर से सिर उठाने लगते हैं।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“कम्यूनिस्ट राज्यों के भीतर दुश्मनों से निपटने में की गयीं सख्तियों की बात ऊँची आवाज़ों में करने वाले इस पहले कम्यून के बर्बर दमन की बात कभी नहीं करते। वे इंडोनेशिया, इरान, हिन्दुस्तान तो छोड़िये विकसित पूँजीवादी देशों में कम्यूनिस्टों के दमन पर भी कभी बात नहीं करते।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“मज़दूर वर्ग अपनी विशेष राजनीतिक पार्टी के नेतृत्व में संगठित होकर ही समाजवादी क्रांति को विजयी बनाने तथा उसके चरम लक्ष्य ‘वर्गों के ख़ात्मे’ की प्राप्ति कर सकता है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“दूरगामी राजनैतिक निष्कर्ष निकाला—श्रमिक वर्ग बनी बनाई राज्य मशीनरी पर अधिकार कर इसका अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।139”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“लोकसेवाएँ कामगारों जितने वेतन पर ही की जानी थीं। यह एक नया राज्य था।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“बुर्ज़ुआ सेना की जगह ‘सशस्त्र जन’, जनता की सेना ने ले ली। बुर्ज़ुआ जनतंत्र को एक ऐसे प्रत्यक्ष जनतंत्र से प्रतिस्थापित कर दिया गया जिसमें सभी प्रतिनिधियों को तुरंत ही उनके पद से हटाकर नए चुनाव कराए जा सकते थे”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“लाभ वह परिचालक शक्ति नहीं रह जाएगा, जिससे पूरा सामाजिक संघटन आकार ले।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“सभी समान और सभी ग़रीब’ नहीं बल्कि ‘सभी समान और सभी समृद्ध’ का सिद्धांत है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“संस्कार के समय मार्क्स घोड़ागाड़ी में बैठे हुए थे, मौन, अपने हाथों में अपना सर थामे हुए। मैंने उनके माथे पर हाथ फेरते हुए कहा—मूर, तुम्हारे पास अभी भी तुम्हारी पत्नी, तुम्हारी बेटियाँ, और हम लोग हैं—और हम सब तुम्हें बहुत प्यार करते हैं—तुम मुझे मेरा बेटा नहीं लौटा सकते! उन्होंने लगभग कराहते हुए कहा…”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“मार्क्स की पुत्री एलिनार मार्क्स ने”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“अत्यंत लाभकारी है कि इसका सैद्धांतिक आधार एक नवीन वैज्ञानिक विश्वदृष्टि थी जिसके विस्तार ने हमें भरपूर व्यस्त रखा और इसी कारण से हम कभी भी महान निर्वासित व्यक्तियों की तरह हतोत्साहित नहीं हुए।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“पूँजीवाद के भूमंडलीय व्यवस्था के रूप में कार्य करने तथा समय के साथ इसके विकास के रास्ते को समझाना या जैसा कि वे कहते हैं इसकी ‘गतिकी के नियम’ का रहस्योद्घाटन करना था। लेकिन बात सिर्फ़ इतनी सी नहीं है। समस्या यह है कि जो सतह पर दिखाई देता है, हो सकता है कि वह असल में व्यवस्था की आंतरिक परिचालक शक्ति न हो,”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“यह केवल शत्रु को जानने का ही मामला नहीं था, इसका असली उद्देश्य पूँजीवादी व्यवस्था की परिचालक शक्तियों को तथा इस विकास से पैदा होने वाले अंतर्विरोध तथा तनावों को समझना था”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“क्रांति को वास्तविक स्थितियों के उत्पाद नहीं अपितु सुनियोजित प्रयासों के परिणाम के रूप में देखा गया। जब हम मज़दूरों से कहते हैं कि तुम्हें स्थितियों को बदलने और सत्ता संचालन के प्रशिक्षण के लिए 15, 20 या 50 वर्षों के गृह युद्ध से गुज़रना पड़ेगा तो वे कहते हैं कि हमें सत्ता पर एकबारगी कब्ज़ा करना ही होगा”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“मज़दूरों के क्रांतिकारी आंदोलन का चरित्र अंतर्राष्ट्रीय होना चाहिए’ और दूसरा, क्रांति मनोगत (सर्वहारा की चेतना और उसमें क्रांतिकारी विचारों के प्रभुत्व) और वस्तुगत (व्यवस्था में संकट) स्थितियों के संयोजन से ही संपन्न होनी चाहिए।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“इस तथ्य से भयभीत थी कि क्रांति की प्रक्रिया संसदीय लोकतंत्र तक ही सीमित नहीं रहेगी और सर्वहारा वर्ग अंततः निजी सम्पत्ति के अस्तित्व की समाप्ति हेतु निर्णायक संघर्ष की ओर बढ़ेगा।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“विश्वदृष्टि के केन्द्र में यह विचार था कि चेतना में महान रूपांतरण अपने आप नहीं अपितु भौतिक परिवर्तनों के संदर्भ में ही आता है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“पुराने औद्योगिक वर्गों के अस्तित्व की पहली शर्त पुरानी उत्पादन विधियों को ज्यों का त्यों बनाए रखना थी। उत्पादन प्रक्रिया का निरंतर क्रांतिकरण, सभी सामाजिक अवस्थाओं में लगातार उथल-पुथल, चिरंतन अनिश्चितता और हलचल—ये चीज़ें बुर्ज़ुआ युग को पहले के सभी युगों से अलग करती हैं।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“प्रबुद्ध पाठकों के लिए जो पंक्तियों के बीच की इबारत को पढ़ना जानते हैं,”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“अपने समय के भौतिक यथार्थ पर आधारित था तथा अक्सर सतह के नीचे दबे तनावों तथा अंतर्विरोधों की सटीक पहचान भी करता था। घोषणा पत्र”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“कम्यूनिज़्म एक सैद्धांतिकी नहीं, एक आंदोलन है। यह सिद्धांतों नहीं अपितु तथ्यों से आगे बढ़ता है और जहाँ तक सिद्धांत का सवाल है यह संघर्ष में सर्वहारा की स्थिति तथा उनकी मुक्ति की सैद्धांतिक अभिव्यक्ति है।”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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“आरंभिक भाषण में ही स्वयं को ‘मौजूदा सामाजिक व्यवस्था तथा व्यक्तिगत सम्पत्ति पर अपने हमले तथा सम्पत्ति के सामुदायिक अधिकार के प्रति अपनी आस्था”
― Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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