पुत्रप्रेम Quotes
पुत्रप्रेम
by
Munshi Premchand249 ratings, 4.13 average rating, 6 reviews
पुत्रप्रेम Quotes
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“आदमी बेईमानी तभी करता है, जब उसे अवसर मिलता है. बेईमानी का अवसर देना, चाहे वह अपने ढीलेपन से हो या सहज विश्वास से, बेईमानी में सहयोग देना है.”
― पुत्रप्रेम
― पुत्रप्रेम
“वही आग जो मोटी लकड़ी को स्पर्श भी नहीं कर सकती, फूल को जला कर भस्म कर देती है.”
― पुत्रप्रेम
― पुत्रप्रेम
“दुश्मनों का दूर रहना ही अच्छा.”
― पुत्रप्रेम
― पुत्रप्रेम
“किसी के दीन की तौहीन करने से बड़ा और कोई गुनाह नहीं है.”
― पुत्रप्रेम
― पुत्रप्रेम
“मगर खतरा हमारी छिपी हुई हिम्मतों की कुंजी है. खतरे में पड़ कर हम भय की सीमाओं से आगे बढ़ जाते हैं और वह सब कुछ कर गुजरते हैं. जिस पर हमें खुद हैरत होती है.”
― पुत्रप्रेम
― पुत्रप्रेम
