संघर्ष Quotes
संघर्ष
by
Manu Sharma52 ratings, 4.35 average rating, 3 reviews
संघर्ष Quotes
Showing 1-8 of 8
“फल पर आसक्ति से हमारे कर्म कमजोर भी हो सकते हैं और साध्य के लिए साधन की पवित्रता भी खो सकते हैं। यह भी हो सकता है कि हमारे कर्म भ्रष्ट भी हो जाएँ। दूसरे, जब हम फल पर अपना अधिकार नहीं समझेंगे तो अपने मनोनुकूल फल न प्राप्त होने से हम दुःखी नहीं होंगे। एक बात और है। फल तक पहुँचना ही कर्म की पूर्णता है। इस पूर्णता पर एक प्रकार का अहंकार भी पैदा होता है। हमने यह किया है, हमने वह किया है। फल को दूसरे के हाथ में समझने से हममें अहंकार का भी जन्म नहीं होता।”
― संघर्ष
― संघर्ष
“क्रोध अहंकार का ही शिशु है और अहंकार अज्ञान से पैदा होता है। अहंकार से पैदा होने के बाद क्रोध अपने पितामह अज्ञान की छाया में ही रहता है। जहाँ अज्ञान हटा कि क्रोध भी लुप्त और अहंकार”
― संघर्ष
― संघर्ष
“व्यक्तित्व को ऐसा बनाइए कि उसे देखकर विपत्ति भी चकित रह जाए। फिर क्रोध से क्रोध को नहीं जीता जा सकता और न अहंकार को अहंकार से।”
― संघर्ष
― संघर्ष
“त्यागियों में भी एक अहंकार होता है—त्यागने का अहंकार। मैंने इस वस्तु का त्याग किया। मैंने उस वस्तु का त्याग किया। मैंने राजपाट छोड़ा। वैभव-विलास”
― संघर्ष
― संघर्ष
“दरिद्र तो वह होता है, जो माँगता है; जो माँगने को ही अपना धन समझता है; पर तुम्हारा धन तो त्याग है, विद्याभ्यास है, विद्यादान है। और दानी कभी दरिद्र नहीं हो सकता; क्योंकि किसीसे वह कुछ चाहता नहीं है।”
― संघर्ष
― संघर्ष
“भक्ति में एकपक्षीय समर्पण है और विवाह में द्विपक्षीय। भक्ति में भगवान् की स्वीकृति है और विवाह में समाज की।”
― संघर्ष
― संघर्ष
