नाराज़ Quotes

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नाराज़ नाराज़ by Rahat Indori
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नाराज़ Quotes Showing 1-3 of 3
“किसी ने ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका मेरा मेंचाहताहूं ग़ज़ल आसमान हो जाये मगर ज़मीन से चिपका है काफ़िया मेरा मैं पत्थरों की तरह गूंगे सामईन में था मुझेसुनातेरहेलोगवाक़ियामेरा”
Rahat Indori, नाराज़
“जुगनुओं को साथ लेकर रात रोशन कीजिए रास्ता सूरज का देखा तो सहर हो जाएगी ज़िन्दगी भी काश मेरे साथ रहती उम्र भर ख़ैर अब जैसे भी होनी है बसर हो जाएगी तुम ने ख़ुद ही सर चढ़ाई थी सो अब चक्खो मज़ा मैं ना कहता था , कि दुनिया दर्द - ए - सर हो जाएगी”
Rahat Indori, नाराज़
“वरना औक़ात क्या थी सायों की धूप ने हौसले बढ़ाए थे सिर्फ़ दो घूंट प्यास की ख़ातिर उम्र भर धूप में नहाए थे”
Rahat Indori, नाराज़