कुछ इश्क किया कुछ काम किया Quotes
कुछ इश्क किया कुछ काम किया
by
Piyush Mishra980 ratings, 3.91 average rating, 77 reviews
कुछ इश्क किया कुछ काम किया Quotes
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“क्या बयां कर पाऊँगा...! कह सका जो मैं नहीं इस इक सदी की रात में अल़्फाज़ टूटे-से हुए गुम इक जु़बां की बात में... बस सब्र ये ही है कि आख़िर तुम तलक तो जाएगी फिर कौन किस को कब कहाँ मैं क्या बता ही पाऊँगा...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“वो काम भला क्या काम हुआ जो ना अन्दर की ख़्वाहिश हो वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ जो पब्लिक की फरमाइश हो... व”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“वो काम भला क्या काम हुआ जो मजा नहीं दे व्हिस्की का वो इश्क़ भला क्या इश्क हुआ जिसमें ना मौक़ा सिसकी का... व”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“वो जन्नतों की बात करता हम ये कह देते मियाँ
कि दोज़ख़ों का भी लगे हाथों ना ले लें जायज़ा... ?”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
कि दोज़ख़ों का भी लगे हाथों ना ले लें जायज़ा... ?”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“थकन भरी आँखों में आई
नींद की वैसी झपकी है...
जो रात में पल-पल आती है...
पर मालिक की गाड़ी के तीखे
हॉर्न की चीख़ी पौं-पौं में
इक झटके में भग जाती है...!
वो भरी जवानी की बेवा की
आँख में बैठी हसरत है...
जो बाल खोल
उजली साड़ी में...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
नींद की वैसी झपकी है...
जो रात में पल-पल आती है...
पर मालिक की गाड़ी के तीखे
हॉर्न की चीख़ी पौं-पौं में
इक झटके में भग जाती है...!
वो भरी जवानी की बेवा की
आँख में बैठी हसरत है...
जो बाल खोल
उजली साड़ी में...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“मैं हँस पड़ता जब वो कहते
अभिसार बिना है प्यार नहीं
अभिसार प्यार से हो सकता
पर प्यार बिना अभिसार नहीं...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
अभिसार बिना है प्यार नहीं
अभिसार प्यार से हो सकता
पर प्यार बिना अभिसार नहीं...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“और मालूम तुम को कि 'क्यों' क्योंकि वो
‘प्यार नाम' को जाने है
जिस प्यार नाम के लफ़्ज़ से सारे
उतने ही अनजाने हैं... कुछ को वो दिखता क्षीण कीट में
कुछ को मांसल बाँहों में
कुछ वो दिखता पुष्ट उरोजों
कुछ वो कदली जाँघों में...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
‘प्यार नाम' को जाने है
जिस प्यार नाम के लफ़्ज़ से सारे
उतने ही अनजाने हैं... कुछ को वो दिखता क्षीण कीट में
कुछ को मांसल बाँहों में
कुछ वो दिखता पुष्ट उरोजों
कुछ वो कदली जाँघों में...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“ये जीवन बस इक दौर सखी
जिससे हर क़ौम गुजरती है
ये झिलमिल आँसू कहीं ना हों
बस ये ही आस उभरती है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
जिससे हर क़ौम गुजरती है
ये झिलमिल आँसू कहीं ना हों
बस ये ही आस उभरती है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“मैं जानूँ था उसके अन्दर
झकझोर समन्दर बहता है
जो लहर थपेड़ों से जूझे
और लहर थपेड़े सहता है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
झकझोर समन्दर बहता है
जो लहर थपेड़ों से जूझे
और लहर थपेड़े सहता है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“खुद को तपाना जब सुलग के
सुर्ख अंगारा बनो
तो फिर लिपट जाना ये भूले
वो हुआ या तुम भसम...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
सुर्ख अंगारा बनो
तो फिर लिपट जाना ये भूले
वो हुआ या तुम भसम...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“इक काली-काली लड़की के लिए... इस रंग से सृष्टि बनी
इस रंग में सृष्टि ढली
इस रंग की ये अहमियत
क्या तुमने जानी है कभी...?”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
इस रंग में सृष्टि ढली
इस रंग की ये अहमियत
क्या तुमने जानी है कभी...?”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“एक पल की मुस्कराहट
एक पल उम्मीद का
बस ये ही कर देता है यारा
फैसला तक़दीर का...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
एक पल उम्मीद का
बस ये ही कर देता है यारा
फैसला तक़दीर का...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“इक भरी जवानी कसक मार के
चुप चुप बैठी रहती है
और खामोशी से 'खा लेना कुछ'
नम आँखों से कहती है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
चुप चुप बैठी रहती है
और खामोशी से 'खा लेना कुछ'
नम आँखों से कहती है...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
“वो काम भला क्या काम हुआ
जो कम्प्यूटर पे खट्-खट् हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना चिट्ठी ना ख़त हो...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
जो कम्प्यूटर पे खट्-खट् हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना चिट्ठी ना ख़त हो...”
― Kuchh Ishq Kiya Kuchh Kaam Kiya
