शेखर Quotes

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शेखर: एक जीवनी - 1 शेखर: एक जीवनी - 1 by सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
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शेखर Quotes Showing 1-2 of 2
“मैं जो सदा आगे की ओर ही देखता रहा, अपनी जीवन यात्रा के अंतिम पड़ाव पर पहुँच कर पीछे देख रहा हूँ कि मैं कहाँ से चलकर किधर-किधर भूल-भटककर, कैसे-कैसे विचित्र अनुभव प्राप्त करके यहाँ तक आया हूँ । और तब दिखता है कि मेरी भटकन में भी एक प्रेरणा थी...।”
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय', शेखर: एक जीवनी - 1
“वेदना में एक शक्ति है जो दृष्टि देती है. जो यातना में है, वह दृष्टा हो सकता है.”
Sachchidananda Hirananda Vatsyayana 'Agyeya', शेखर: एक जीवनी - 1