पूरे चाँद की रात Quotes

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पूरे चाँद की रात पूरे चाँद की रात by सुरेन्द्र मोहन पाठक
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“कोई अनुष्ठान, कोई यज्ञ, कोई जप-तप प्रारब्ध को नहीं बदल सकता। फेट इज इनएवीटेबल। नियति अटल है।”
Surender Mohan Pathak, पूरे चाँद की रात
“कुत्ते और आदमी में बुनियादी फर्क ये है कि तुम किसी भूखे कुत्ते के लिये दयाभाव दिखाओ और उसे रोटी खिला कर मरने से बचाओ तो वो तुम्हें कभी नहीं काटता।”
Surender Mohan Pathak, पूरे चाँद की रात