दीवार में एक खिड़की रहती थी Quotes

Rate this book
Clear rating
दीवार में एक खिड़की रहती थी दीवार में एक खिड़की रहती थी by Vinod Kumar Shukla
1,257 ratings, 4.27 average rating, 219 reviews
दीवार में एक खिड़की रहती थी Quotes Showing 1-1 of 1
“रघुवर प्रसाद का आकाश देखना रघुवर प्रसाद का चिठ्ठी लिखना होगा। चंद्रमा सोनसी के लिए लिखा हुआ संबोधन होगा। तारो की लिपि होगी जिसे तत्काल सोनसी पढ़ लेगी। रघुवर प्रसाद कसौटी के पत्थर पर लेटकर एक बड़ा आकाश देखेंगे। बड़ा आकाश लंबी चिठ्ठी होगी। सोनसी खिड़की से छोटा आकाश देखेगी तो छोटी चिठ्ठी होगी। आकाश एक दूसरे को लिखी चिठ्ठी होगी।
दरवाजा खोलकर आकाश देख लेते थे, सोनसी की चिठ्ठी है। सोनसी भी देख लेती होगी की रघुवर प्रसाद की चिठ्ठी है। कभी आकाश में बहुत सारे तारे होते। कभी इक्के दुक्के दिखाई देते। इक्के दुक्के तारों का आकाश लिखने का समय नही मिला जैसा या थोड़ी थोड़ी लिखी जा रही चिठ्ठी जैसा था।”
Vinod Kumar Shukla, दीवार में एक खिड़की रहती थी