अपनी अपनी बीमारी Quotes
अपनी अपनी बीमारी
by
Harishankar Parsai568 ratings, 4.39 average rating, 46 reviews
अपनी अपनी बीमारी Quotes
Showing 1-14 of 14
“विवाह का दृश्य बड़ा दारुण होता है। विदा के वक्त औरतों के साथ मिलकर रोने को जी करता है। लड़की के बिछुड़ने के कारण नहीं, उसके बाप की हालत देखकर लगता है, इस कौम की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने में जा रही है। पाव ताकत छिपाने में जा रही है–शराब पीकर छिपाने में, प्रेम करके छिपाने में, घूस लेकर छिपाने में–बची हुई पाव ताकत से देश का निर्माण हो रहा है–तो जितना हो रहा है, बहुत हो रहा है। आखिर एक चौथाई ताकत से कितना होगा?”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“सत्य की खोज करने वालों से मैं छड़कता हूं। वे अकसर सत्य की ही तरफ पीठ करके उसे खोजते रहते हैं।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“रकम की अनिश्चितता की बेचैनी सबको होती है। जिन्हें नहीं होती वे आदमी नहीं हैं। और हैं भी, तो झूठे हैं।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“शुभ का आरम्भ अकसर मेरे साथ अशुभ हो जाता है। समृद्ध”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“ऊपर से हो रहा है’ हमारे देश में पच्चीस सालों से सरकारों को बचा रहा है। तुम इसे सीख लो।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“यह जो ‘दो या तीन बच्चे–बस’ वाला पोस्टर है, यह गलतफहमी फैलाने लगा है। इसमें दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ स्त्री बैठी है। एक स्त्री ने दीवार पर लगे इस पोस्टर को देखकर पोस्टर वाली से कहा–ऐ भेण जी, हमको मत बनाओ, तुम्हारे कुल दो ही नहीं हैं। उनको भी तो जोड़ो जो पढ़ने गए हैं। चतुर स्त्री समझ गई कि पोस्टर वाली ने दो बड़े बच्चों को तो पढ़ने भेज दिया और ये दो छोटे हमें दिखाकर बुद्धू बना रही है। परिवार-नियोजन वाले इस पोस्टर में सिर्फ एक बच्चा मां की गोद में रखें और दूसरे को स्कूल जाता बताएं। नीचे यह लिखें–बाई,”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“इस ज़माने में बच्चा होना शर्म और संकट की बात है। अगर समाचार छपना ही है, तो परिवार-नियोजन की भावना के अनुकूल ऐसा समाचार छपना चाहिए–‘अमुक आदमी के यहां कल लड़का हुआ। धिक्कार है। सारा राष्ट्र उसपर थूक रहा है।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“मैं औरत को देखता हूं। वह सचमुच प्रापर्टी की तरह ही खड़ी थी।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“भगवान की आरती गाता था–जय जगदीश हरे! भगवान के सहयोग के बिना शुभ कार्य नहीं होते। आरती में आगे आता–सुख-सम्पत्ति घर आवे! शाम को यह बात कही जाती और सुबह बनियों के लाल वस्त्रों में बंधी सुख-सम्पत्ति चली आती।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“जिस दिन घूसखोरों की आस्था भगवान पर से उठ जाएगी, उस दिन भगवान को पूछनेवाला कोई नहीं रहेगा।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“पर सर्वहारा के नेता को सावधान रहना चाहिए कि उसके लंगोट से बूर्जुआ अपने खाता-बही न बांध लें।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“बुद्धिवादी में लय है। सिर घुमाने में लय है, हथेली जमाने में लय है, उठने में लय है, कदम उठाने में लय है, अलमारी खोलने में लय है, किताब निकालने में लय है, किताब के पन्ने पलटने में लय है। हर हलचल धीमी है। हल्का व्यक्तित्व हड़बड़ाता है। इनका व्यक्तित्व बुद्धि के बोध से इतना भारी हो गया है कि विशेष हरकत नहीं कर सकता। उनका बुद्धिवाद मुझे एक थुलथुल मोटे आदमी की तरह लगा जो भारी कदम से धीरे-धीरे चलता है।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“गंवार हँसता है, बुद्धिवादी सिर्फ रंजित हो जाता है।”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
“तरह-तरह के संघर्ष में तरह-तरह के दुख हैं। एक जीवित रहने का संघर्ष है और एक सम्पन्नता का संघर्ष है। एक न्यूनतम जीवन-स्तर न कर पाने का दुख है, एक पर्याप्त सम्पन्नता न होने का दुख है। ऐसे में कोई अपने टुच्चे दुखों को लेकर कैसे बैठे?”
― अपनी अपनी बीमारी
― अपनी अपनी बीमारी
