Shaambhavi’s Reviews > लज्जा > Status Update
Shaambhavi
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जिन्हें हम असंप्रदायिक समझते हैं, अपना समझते हैं, दोस्त मानते हैं, वे लोग वास्तव में अंदर ही अंदर सांप्रदायिक हैं.
— Jul 25, 2023 02:32PM
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Shaambhavi
is on page 109 of 176
हिंदुओं के बदन का चमड़ा गैंडे के चमड़े जैसा है. तभी तो लोग जले हुए, टूटे हुए घरों को फ़िर से बनाते हैं. टूटी हुई दुकान फिर से जुड़ती है. घर–द्वार, दुकान–पाट तो मान लिजिए चूना–सीमेंट से जुड़ जायेगा. लेकिन टूटा हुआ मन क्या फिर से जुड़ेगा?
— Jul 28, 2023 02:03PM

