Manav Kaul > Quotes > Quote > Pratik liked it

Manav Kaul
“वह बारिश के ही दिन थे जब मां नहीं रही थी । तब पूरा घर काटने को दौड़ता रहता था । मैं और मेरे पिता के बीच से मानो सारा सामान्य किसी ने उधेड़ दिया था । हम दोनों उधड़े स्वेटर से पूरे घर में बिखरे पड़े रहते । मैं उनके लिए क्या करूं और वो मेरे लिए क्या करें में हम दोनों एक-दूसरे को ताकते रहते ।”
Manav Kaul, Antima

No comments have been added yet.