Bhagwaticharan Verma > Quotes > Quote > Sagar liked it

“नहीं, मेरे जीवन की कोई बात गुप्त नहीं है। गुप्त वे बातें रखी जाती हैं, जो अनुचित होती हैं। गुप्त रखना भय का द्योतक है, और भयभीत होना मनुष्य के अपराधी होने का द्योतक है। मैं जो करता हूँ, उसे उचित समझता हूँ, इसलिए उसे कभी गुप्त नहीं रखता।”
Bhagwati Charan Verma, चित्रलेखा

No comments have been added yet.