(?)
Quotes are added by the Goodreads community and are not verified by Goodreads. (Learn more)
Sudha Murty

“कोई रिश्तेदार नही होता, जिसके यहाँ हम ठहर सकें या उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। तीसरे, शीतकाल में वहाँ इतनी अधिक सर्दी होती है कि आप जमती गंगा में अपने पाँव नहीं रख सकते। चौथे, ग्रीष्मकाल में गरमी धरती को इतना अधिक तपा देती है कि आप पूजा के लिए नंगे पाँव चल भी नहीं सकते। पाँचवें, यदि वहाँ के स्थानीय लोगों को मालूम हो जाए कि हम लोग बाहरी हैं तो अकसर वे हमें ठगने की कोशिश करते हैं। ऐसी किंवदंतियाँ भी हैं कि लोग वहाँ जाकर वापस नहीं लौटते। अतः जब कोई काशी से लौटता है तो हम उसे सौभाग्यशाली समझते हैं। यही कारण है कि वे हमें दावत देते हैं और हम उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।’’ मैंने व्यग्रता से पूछा, ‘‘अव्वा, आप उन्हें क्या देने जा रही हैं?’’ अव्वा ने अपना बैग खोला। उसके अंदर ढेर सारे फल और फूलों के अतिरिक्त एक सूती साड़ी थी। ‘‘और वे हमें क्या देंगी?’’ ‘‘हमें काशी का धागा और थोड़ा गंगाजल मिलेगा।”

Sudha Murty, Teen Hazar Tanke
Read more quotes from Sudha Murty


Share this quote:
Share on Twitter

Friends Who Liked This Quote

To see what your friends thought of this quote, please sign up!

0 likes
All Members Who Liked This Quote

None yet!


This Quote Is From

Teen Hazar Tanke (Hindi Edition) Teen Hazar Tanke by Sudha Murty
10,866 ratings, average rating, 1,143 reviews

Browse By Tag